राजकोट। गुजरात के राजकोट शहर के निकट आयोजित दो दिवसीय हिन्दू धर्म सभा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत और साधु संतों तथा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, सुब्रमण्यम स्वामी जैसे राजनीतिक नेताओं की मौजूदगी के बीच शुक्रवार को संपन्न हो गई और इस दौरान अन्य मुद्दों के साथ ही अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर भी प्रमुखता से चर्चा हुई।
शहर के बाहरी इलाके मुंजखा के आर्ष मंदिर में कल से शुरू हुई इस सभा में बड़ी संख्या में साधु संतों ने भी शिरकत की। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव इसमें दोनों दिन मौजूद रहे जबकि शाह ने आज यहां पहुंच कर भागवत से अलग से भी मुलाकात की।
हालांकि कड़ी सुरक्षा और बंद कमरे में हुई इस बैठक के बारे में अब तक आयोजकों अथवा संघ की ओर से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है पर इसमें भाग लेने वाले एक संत ने दावा किया कि बैठक में धर्म संबंधी अन्य मुद्दों के अलावा राम मंदिर, आतंकवाद और जबरन धर्मांतरण के मुद्दों पर भी प्रमुखता से चर्चा हुई।
उन्होंने दावा किया कि भागवत ने अपने संबोधन में कहा कि अयोध्या में रामजन्मभूमि पर ही मंदिर बनेगा और इसका निर्माण अगले लोकसभा चुनाव से पहले शुरू हो जाएगा।
एक अन्य संत ने कहा कि सभी संत राम मंदिर निर्माण में हो रहे विलंब को लेकर चिंतित हैं और इसका जल्द से जल्द निर्माण चाहते हैं। वे केंद्र और उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार होने के कारण अध्यादेश के जरिये इसका शीघ्र निर्माण चाहते हैं।
पहले दिन इस बात पर गहनता से चर्चा भी हुई थी। हालांकि आज शाह के आने के बाद माहौल में थोड़ा बदलाव हुआ। कुछ लोग अब अदालत में विचाराधीन इस मामले के निस्तारण के लिए कुछ और समय तक इंतजार करने के पक्ष में दिखे।
इस बीच, हर दो साल पर होने वाली इस सभा में बाबा रामदेव के भाग लेने की भी उम्मीद थी पर इसके अंतिम सत्र तक वह राजकोट नहीं पहुंच पाए थे।