नयी दिल्ली । सरकार ने आज राज्यसभा में स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर में ऐसे हालात बन गये थे कि वहां राष्ट्रपति शासन लागू करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था लेकिन यदि निर्वाचन आयोग राज्य में आगामी लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव कराना चाहे तो सरकार इसके लिए तैयार है।
केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू करने संबंधी प्रस्ताव के अनुमोदन पर गुरूवार को सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी राज्य में अलगाव की भावना बढने के लिए जिम्मेदार नहीं है इसके बीज आजादी से पहले ही उस समय बो दिये गये थे जब देश के दो टुकड़े हो गये। उसके बाद अलगाव की भावना को कम करने या खत्म करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया।
उनके जवाब के बाद सदन ने इस प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया। लोकसभा इस आशय के प्रस्ताव को पहले की पारित कर चुकी है। जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन के 6 महीने पूरे होने के बाद राज्यपाल की सिफारिश पर गत 20 दिसम्बर से राष्ट्रपति शासन लागू हो गया था।