SABGURU NEWS | नयी दिल्ली केंद्र सरकार मराठी को आभिजात्य भाषा का दर्जा दिये जाने की मांग को लेकर संस्कृति मंत्रालय से मशविरा करेगी।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में शिवसेना के सदस्य आनंदराव अडसुल की मांग के संदर्भ में यह बात कही। श्री सिंह ने कहा कि मराठी को आभिजात्य भाषा का दर्जा दिये जाने से संबंधित माँग का उनके मंत्रालय से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन सरकार इस संदर्भ में संस्कृति मंत्रालय से विचार-विमर्श करेगी।
इससे पहले श्री अडसुल ने सदन में जारी भारी हंगामे के बीच ही यह मांग उठायी। उन्होंने कहा कि शिवसेना करीब एक-डेढ़ दशक से इसे लेकर आंदोलन कर रही है, लेकिन अभी तक उसकी मांग पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस सरकार के कार्यकाल में भी पिछले चार साल के दौरान उनके साथी सदस्यों ने कई बार यह मुद्दा रखा है, लेकिन आज तक इस पर विचार नहीं किया गया है।
श्री अडसुल ने कहा कि तेलुगू, कन्नड़, मलायम और उड़िया को यह दर्जा दिया जा चुका है, लेकिन मराठी को इससे वंचित रखा गया है, जबकि मराठी भाषा संबंधित सभी मानकों पर खरा उतर रही है। उन्होंने सदन में बैठे गृहमंत्री से इस संदर्भ में सरकार की ओर से आश्वासन देने की मांग की। इसके बाद श्री सिंह ने सदन को आश्वस्त किया कि वह इस
बाबत संस्कृति मंत्रालय से विचार-विमर्श करेंगे, हालाँकि उनके इस बयान से शिवसेना के सदस्य संतुष्ट नजर नहीं आये।
गौरतलब है कि शिवसेना सदस्य अपनी इस मांग को लेकर सदन में पिछले दो दिन से हंगामा कर रहे हैं, जबकि विपक्षी दल तथा सत्ता पक्ष की सहयोगी तेलुगूदेशम पार्टी के सदस्य अलग-अलग मुद्दों पर पिछले तीन दिन से सदन में भारी शोर-शराबा कर रहे हैं।
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