नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि आतंकवाद और उसका समर्थन करने वालों से मुकाबले के लिए मौजूदा अंतर्राष्ट्रीय कानूनों और तंत्र को बिना किसी अपवाद के मजबूत बनाने की जरूरत है और इस मामले में किसी भी तरह का दोहरा मापदंड नहीं अपनाया जाना चाहिए।
सिंह ने शनिवार को उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में शंघाई सहयोग संघ (एससीओ ) के सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद की 18 वीं बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रतिनिधि के तौर पर कहा, ”आतंकवाद हमारे समाज में निरंतर अशांति फैला रहा है और विकास के प्रयासों में बाधा पहुंचा रहा है।एससीओ देशों के लिए जरूरी है कि वे इस समस्या से निपटने के लिए एकजुट हों।”
रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि वैश्विकरण की प्रक्रिया ने सदस्य देशोंं के लिए विकास के अवसर प्रदान किये हैं लेकिन इसके साथ ही विकासशील देशों के लिए कई जटिल खतरे भी उत्पन्न हुए हैं। उन्होंने सदस्य देशों का आह़वान किया कि वे आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, गरीबी उन्मूलन, पिछडेपन, रोगों और असमानता जैसी चुनौतियों को परास्त करने के लिए मिलकर काम करें।
उन्होंने कहा ,” मेरा मानना है कि यह बैठक हमारे समान लक्ष्यों और उददेश्यों को हासिल करने की दिशा में ठोस कदम उठाने का अवसर साबित होगी। इस मायने में एससीओ की यह बैठक बेहद महत्वपूर्ण है। ”
उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद से निपटने के लिए एससीओ सदस्य देशों के संयुक्त सैन्य अभ्यास सेंटर 2019 के सफल आयोजन के लिए रूस को बधाई दी।
सिंह ने सरकार की मेक इन इंडिया योजना का उल्लेख करते हुए सदस्य देशों को भारत में संयुक्त उपक्रम लगाने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि देश में व्यापार सुगमता बढाने की दिशा में कई कदम उठाये गये हैं और उनका असर भी दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि भारत दूरस्थ चिकित्सा,चिकित्सा पर्यटन, संसाधन जुटाने, उपग्रहों के प्रक्षेपण, कषि शिक्षा जैसे क्षेत्रों में कौशल विकास और क्षमता बढाने में अपने अनुभव और विशेषज्ञता साझा करने को तैयार है।
उन्होंने कहा कि आर्थिक क्षेत्र में सहयोग हमारे लोगों के भविष्य और उनके लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है। यह हमारी नीतियों का केन्द्र बिन्दू होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत को अगले वर्ष एससीओ सदस्य देशों की बैठक के आयोजन का गौरव हासिल हुआ है। भारत इस संदर्भ में सदस्य देशो के बीच व्यापार, आर्थिक, सांस्कतिक और मानवीय सहायता अभियानों में सहयोग बढाने के लिए अनेक बैठकों का आयोजन करेगा।
बैठक में उज्बेकिस्तान के प्रधानमंत्री अब्दुल्ला अरिपोव, एससीओ के महासचिव व्लादीमिर नोरोव और क्षेत्रीय आतंकवाद रोधीे तंत्र के कार्यकारी निदेशक जुमाखोन गियोसोव ने भी में हिस्सा लिया।