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Rajnath Singh says Government ready to hold assembly elections in Jammu and Kashmir - सरकार जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने को तैयार: राजनाथ - Sabguru News
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सरकार जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने को तैयार: राजनाथ

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सरकार जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने को तैयार: राजनाथ
Rajnath Singh says Government ready to hold assembly elections in Jammu and Kashmir
Rajnath Singh says Government ready to hold assembly elections in Jammu and Kashmir
Rajnath Singh says Government ready to hold assembly elections in Jammu and Kashmir

नयी दिल्ली । केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि जम्मू-कश्मीर में शासन चलाने के लिए राज्यपाल के पास कोई विकल्प नहीं रह गया था, इसलिये वहां राष्ट्रपति शासन लगाया गया और अब वह वहाँ विधानसभा चुनाव कराने के लिए तैयार है।

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन को लेकर शुक्रवार को लोकसभा में सांविधिक संकल्प पेश किया। संकल्प को सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया। संकल्प पारित कराने के लिए आम तौर पर पहले चर्चा की जाती है और उसके बाद इसे पारित कराया जाता है, लेकिन इस बार संकल्प पहले पारित हो गया था और उसके बाद उस पर सदन में चर्चा करायी गयी। इसको लेकर कुछ विपक्षी सदस्यों ने सरकार पर टीका-टिप्पणी भी की और कहा कि वह सदन में नये-नये तरीके अपना रही है।

राज्य में राज्यपाल शासन की छह महीने की अवधि पूरी होने के बाद 19 दिसंबर 2018 से राष्ट्रपति शासन लगाया गया है। संकल्प पर हुई चर्चा का जवाब देते हुये सिंह ने कहा कि केंद्र ने राज्यपाल की सिफारिश के आधार पर वहाँ राष्ट्रपति शासन लगाने को मंजूरी दी है। राज्यपाल ने राष्ट्रपति को भेजी अपनी सिफारिश में कहा था कि राज्य में सरकार गठन के लिए कोई विकल्प नहीं है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के गठबंधन वाली सरकार गिरने के बाद राज्यपाल ने सरकार के गठन के लिए राजनीतिक दलों से दावा पेश करने का इंतजार किया, लेकिन जब कोई दावा पेश नहीं किया गया तो वहाँ की विधानसभा को भंग करने का फैसला लिया गया।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार वहाँ लोकतंत्र बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी प्रतिबद्धता के तहत वहाँ स्थानीय निकायों को विशेष अधिकार दिये गये हैं। पंचायतों तथा शहरी निकायों को वित्तीय अधिकार देने के साथ ही प्रशासनिक अधिकार भी दिये गये हैं जिसके तहत पंचायतें तथा शहरी निकाय लोगों की जरूरत के अनुरूप फैसले ले सकती हैं और उनका निदान कर सकती हैं।

सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव कराने के लिए तैयार है। इस बारे में फैसला चुनाव आयोग को लेना है। आयोग जब चाहे वहाँ चुनाव घोषित करे। सरकार भी वहाँ राष्ट्रपति शासन नहीं चाहती और चुनाव कराने के हक में है।

उन्होंने कहा कि सरकार का इरादा जम्मू-कश्मीर में शांति बहाली का है और इसके लिए वह सभी दलों के सदस्यों से सहयोग की अपील करते हैं। इस संबंध में वह दो बार सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल लेकर वहाँ गये थे और लोगों से बातचीत करने का प्रयास भी किया है। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य की समस्या का समाधान चाहती है और इसके लिए वह किसी से भी बात करने को तैयार है।

गृहमंत्री ने कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। वहाँ निरंतर विकास गतिविधियाँ चलायी जा रही हैं। ढाई सौ करोड़ रुपये की लागत से दो बार्डर बटालियन बनायी जा रही हैं जिसके तहत पाँच हजार युवाओं को नौकरी पर रखा जायेगा। इसके अलावा महिलाओं की बटालियन के लिए भी भर्ती की जा रही है। जम्मू-कश्मीर में होने वाली इन भर्तियों में नियंत्रण रेखा के 10 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले युवाओं को भर्ती किया जायेगा।

इससे पहले चर्चा में हिस्सा लेते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि वहाँ विधानसभा के चुनाव हों और लोगों की समस्याओं पर राज्य विधानसभा में चर्चा हो; यही वहाँ की समस्या का हल है। राज्य को विकास के पथ पर अगर आगे ले जाना है तो इसके लिए वहाँ राष्ट्रपति शासन का हटाया जाना अावश्यक है। श्री अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग भी हिंदुस्तानी हैं और वहाँ शांति बहाली के लिए राज्य के लोगों का दिल जीता जाना चाहिये।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के मोहम्मद सलीम ने कहा कि जब तक जम्मू-कश्मीर में विधानसभा गठित नहीं होती है वहाँ के लोगों की समस्या का समाधान नहीं निकाला जा सकता। राज्य के लोगों की समस्याओं पर विधानसभा में ही चर्चा होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाभ अर्जित करने के लिए जम्मू-कश्मीर की समस्या को बढ़ाया नहीं जाना चाहिये। उनका कहना था कि राज्य में लोगों के समक्ष कई तरह की दिक्कतें हैं और उनका समाधान विधानसभा में खोजा जाना चाहिये। लोगों की समस्याओं का समाधान जन प्रतिनिधियों के माध्यम से होना चाहिये।

आरएसपी के एन.के. प्रेमचंद्रन ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों की समस्या का समाधान राज्य विधानसभा में ही किया जा सकता है। यह राज्यपाल की संवैधानिक जिम्मेदारी है कि वहाँ गठबंधन सरकार बनाने का रास्ता निकाले। राष्ट्रीय जनता दल के जयप्रकाश नारायण यादव ने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने को गलत बताया और कहा कि वहाँ जल्द से जल्द विधानसभा का गठन किया जाना चाहिये।

समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव ने कहा कि अगर सरकार चाहे तो जम्मू-कश्मीर की समस्या का समाधान निकाला जा सकता है। शिव सेना के अरविंद सावंत ने कहा कि सेना के जवानों पर पत्थर मारने की घटना निंदनीय है और इस तरह के अपराध के लिए छोटे छोटे बच्चों को उकसाना गंभीर अपराध है। इसे रोकने के लिए ठोस उपाय किये जाने की जरूरत है।