नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार हनन को लेकर बेवजह का राग छेड़ने वाले पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए आज कहा कि वह बंटवारे के बाद वहां गए लोगों को प्रताड़ित कर रहा है जबकि भारत में अल्पसंख्यक समुदाय सुरक्षित था, सुरक्षित है और आगे भी रहेगा।
सिंह ने पाकिस्तान को नसीहत भी दी कि उसे अपने गिरबां में झांकना चाहिए और अपने यहां घोर मानवाधिकार उल्लंघन की स्थिति का भी संज्ञान लेना चाहिए।
रविवार सुबह सिलसिलेवार ट्विट में उन्होंने लिखा कि जिस पाकिस्तान में सारे अल्पसंख्यक समुदाय अपनी सलामती को लेकर चिंतित रहते हैं उसके मुंह से मानवाधिकार की बातें अच्छी नहीं लगती। धारा 370 के समाप्त करने के भारत के फ़ैसले को वह पचा नहीं पा रहा है और उसने सयुक्त राष्ट्र को भी गुमराह करने की कोशिश की है।
भारत में सभी मजहब के लोग शांति से एक दूसरे से मिल जुलकर रहे हैं, यह बात पाकिस्तान को रास नहीं आती। अल्पसंख्यक समुदाय भी यहां सुरक्षित महसूस करता है। अल्पसंख्यक समुदाय यहां हमेशा सुरक्षित था, सुरक्षित है और आगे भी रहेगा।
रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान में लम्बे समय से मानवाधिकार के उल्लंघन का सिलसिला चल रहा है। जो लोग बंटवारे के बाद पाकिस्तान गए उन्हें आज भी वहां पर मुहाजिर कहकर अपमानित किया जाता है। जबकि भारत में सभी लोग सुरक्षित और सम्मानित महसूस करते हैं।
पाकिस्तान में सिंधी, सिख, बलूची और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के साथ क्या हो रहा है यह बात आज दुनिया से छिपी नहीं है। उन्होंने कहा कि जो पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में मानवाधिकार उल्लंघन की बात उठा रहा है वह स्वयं अपने देश के अंदर झांक कर देखे।
उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि हमारे पड़ोसी को अपनी आतंकवाद की नीति छोड़ देनी चाहिए नहीं तो एक दिन उसे मजबूरन छोड़नी पड़ेगी क्योंकि यदि उसकी नीतियां नहीं बदलीं तो उसे खंड-खंड होने से दुनिया की कोई ताक़त रोक नहीं सकेगी।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र में जम्मू कश्मीर में कथित मानवाधिकार उल्लंघन का मामला उठाया था। भारत ने इसे कोरी झूठ करार देते हुए पाकिस्तान को आतंकवाद का गढ बताया था।