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Rajnath Singh says Modi can not take any finger on the principle and belief - मोदी की नीयत और इमान पर कोई उंगली नहीं उठा सकता : राजनाथ सिंह - Sabguru News
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मोदी की नीयत और इमान पर कोई उंगली नहीं उठा सकता : राजनाथ सिंह

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मोदी की नीयत और इमान पर कोई उंगली नहीं उठा सकता : राजनाथ सिंह
प्रधानमंत्री मोदी की नीयत और इमान पर कोई उंगली नहीं उठा सकता- राजनाथ सिंह
प्रधानमंत्री मोदी की नीयत और इमान पर कोई उंगली नहीं उठा सकता- राजनाथ सिंह
प्रधानमंत्री मोदी की नीयत और इमान पर कोई उंगली नहीं उठा सकता- राजनाथ सिंह

पटना। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज विपक्ष पर राफेल सौदे के नाम पर जनता की आंखों में धूल झोंकने का आरोप लगाते हुए कहा कि कोई ऐसा नहीं जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीयत और उनके इमान पर उंगली उठा सके।

सिंह ने यहां अधिवेशन भवन में आयोजित ‘भारत के मन की बात, मोदी के साथ’ कार्यक्रम में बुद्धिजीवियों से संवाद करते हुए कहा कि मैंने राजनीति में कभी किसी पर मनगढ़ंत आरोप नहीं लगाए हैं और भाषा तथा शब्दों की मर्यादा का हमेशा ख्याल रखा है। मैंने हमेशा स्वच्छ राजनीति की है।

मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वर्षों से जानता हूं। हमने मिलकर साथ-साथ काम किया है। उनपर आप अन्य आरोप जो लगाना हो, लगा सकते हैं कि मोदीजी ने काम कम किया, काम अधिक किया या उनको और भी काम करना चाहिए था लेकिन, कोई माई का लाल उनकी नीयत और ईमान पर उंगली नहीं उठा सकता है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि राजनीति जनता को गुमराह कर और आंखों में धूल डालकर नहीं बल्कि आंखों में आखें डालकर की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मोदी की ईमानदारी पर किसी को कोई शक नहीं है। आखिर वह किसके लिए धन जमा करेंगे।

सिंह ने राजनीति देश और समाज को दिशा देने के लिए होती है लेकिन आज विडम्बना है कि राजनीति अपना अर्थ और भाव दोनों खो चुका है। उन्होंने कहा कि भगवान राम, श्रीकृष्ण, महात्मा गांधी, सुभाष चन्द्र बोस, चन्द्रशेखर आजाद और भगत सिंह ने भी राजनीति की थी लेकिन जब भगवान राम ने राजनीति की तब उन्होंने एक भिलनी सबरी के जूठे बेर भी खाए। उनके लिए राजनीति ‘भक्ति’ थी। श्रीकृष्ण ने भी राजनीति की, जब महाभारत में अर्द्धसत्य का सहारा लिया और युधिष्ठिर से कहवाया ‘अश्वत्थामा हतो नरो वा कुंजरो’। श्रीकृष्ण के लिए राजनीति ‘युक्ति’ थी।

भाजपा नेता ने कहा कि इसी तरह महात्मा गांधी और सुभाष चन्द्र बोस के लिए राजनीति ‘शक्ति’ थी देश को आजाद कराने के लिए। वहीं चन्द्रशेखर आजाद, भगत सिंह और खुदीराम बोस के लिए राजनीति ‘मुक्ति’ बन जाती है। उन्होंने कहा कि आज दुर्भाग्य है कि कुछ नेताओं के लिए राजनीति पहले ‘सम्पत्ति’ और बाद में ‘विपत्ति’ बन जाती है।

सिंह ने कहा कि ऐसे नेताओं के कारण समाज और देश को संकटों का सामना करना पड़ता है। आज राजनीति में ऐसे नेताओं के कारण ही विश्वसनीयता का संकट पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने इस संकट को चुनौती के रूप में स्वीकार किया है और वह पूरे विश्वास के साथ कह सकते हैं कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा इसपर विजय प्राप्त करेगी।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने दावा किया कि आज तक भाजपा के किसी प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री पर भष्टाचार का आरोप नहीं लगा है। भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी पर जब आरोप लगा तब उन्होंने संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और कहा कि वह तब तक संसद में पैर नहीं रखेंगे जब तक आरोप मुक्त नहीं हो जाते हैं। इसे राजनीति कहते हैं। उन्होंने कहा कि आज देश सुपर इकोनॉमिक पावर से विश्व गुरू बनने की ओर कदम बढ़ा रहा है।

सिंह ने कहा कि देश की आर्थिक क्षमता को पहली बार स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने पहचाना। जब देश की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 2.4 के आसपास पहुंच कर रूक जाती थी तब वाजपेयी सरकार के कार्यकाल में यह 8.4 तक पहुंच गई।

वाजपेयी सरकार में राष्ट्रीय राजमार्ग समेत अन्य बुनियादी ढ़ांचे के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया। वही काम आज मोदी सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि जीडीपी की वृद्धि दर महंगाई दर से आधी होती थी लेकिन अब मोदी सरकार में महंगाई दर जीडीपी की वृद्धि दर से आधी है।

भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस ने करीब 55 वर्ष देश में शासन किया बावजूद भारत की गिनती विश्व में गरीब देश के रूप में ही की जाती रही लेकिन आज अंतरराष्ट्रीय जगत में भारत के प्रति लोगों की धारणा बदल गई है। जो सम्मान आज देश को मिल रहा है पहले कभी नहीं मिला था। आज भारत विश्व की सबसे बड़ी इकोनॉमी में नौवें स्थान से पांचवें स्थान पर पहुंच गया है।

मोदी के नेतृत्व में ऐसे ही सरकार चलती रही तो वह दिन अब दूर नहीं जब अमरीका, चीन या रूस में से किसी को हटाकर भारत तीसरी बड़ी इकोनॉमी बन जाएगा।