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Rajnath Singh Says 'No First Use' Policy on Nuclear Weapons May Change Based on Circumstances - Sabguru News
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पाक की परमाणु धमकियों का राजनाथ सिंह ने इशारों में यूं दिया जवाब

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पाक की परमाणु धमकियों का राजनाथ सिंह ने इशारों में यूं दिया जवाब
Pakistan will not only talk about Kashmir but also on PoK says Rajnath Singh
 The policy of using nuclear weapons depends on future circumstances. Rajnath
The policy of using nuclear weapons depends on future circumstances. Rajnath

जैसलमेर/नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में सरकार के हाल के कदम से भारत और पाकिस्तान में बनें तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि हम परमाणु हथियारों का पहले इस्तेमाल नहीं करने की नीति पर कायम है लेकिन भविष्य में क्या होता है यह परिस्थितियों पर निर्भर करेगा। 

सिंह शुक्रवार को अचानक भारतीय वैज्ञानिकों की ‘परमाणु कर्मभूमि’ पोखरण पहुंचे जहां दो बार परमाणु परीक्षण कर देश ने परमाणु शक्ति हासिल की थी। दूसरा परीक्षण तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शासन में मई 1998 में किया गया था। सिंह ने राजस्थान में स्थित परीक्षण रेंज पोखरण में वाजपेयी को उनकी पहली पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

उन्होंने कहा कि पोखरण अटल जी के भारत को परमाणु शक्ति बनाने और परमाण ताकत का पहले इस्तेमाल ने करने की नीति के प्रति दृढ संकल्प का गवाह है। भारत ने इस नीति का कड़ाई से पालन किया है। भविष्य में क्या होता है यह परिस्थितियों पर निर्भर करेगा। सिंह ने कहा कि जिम्मेदार परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बनना उस समय हर नागरिक के लिए राष्ट्रीय गौरव का विषय बन गया था। राष्ट्र अटल जी की महानता के लिए उनका ऋणी रहेगा।

रक्षा मंत्री पांचवीं अंतर्राष्ट्रीय सेना स्काउट मास्टर्स प्रतियोगिता के समापन समारोह में हिस्सा लेने के लिए जैसलमेर गए थे। इससे पहले उन्होंने कहा कि यह संयोग है कि वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि के मौके पर वह जैसलमेर में हैं और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए पोखरण जाएंगे।

उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति ने वर्ष 2003 में परमाणु नीति को मंजूरी दी थी जिसमें कहा गया है कि भारत ने यह ताकत प्रतिरोधक क्षमता के लिए हासिल की है और वह अपनी ओर से पहले परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेगा।

सरकार ने पिछले सप्ताह ही जम्मू-कश्मीर से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 370 और 35 ए को हटा दिया था। सरकार ने संसद में विधेयक पारित कर राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित कर दिया है। इस मामले में पाकिस्तान के विरोध को सरकार ने यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि जम्मू-कश्मीर उसका अभिन्न अंग है और उसके बारे में कोई निर्णय लेना उसका आंतरिक मसला है।

पाकिस्तान इस मसले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उठाने की कोशिश में लगा है। जम्मू-कश्मीर के बारे में लिए गए सरकार के निर्णयों का असर सीमा पर भी दिखाई दे रहा है। पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम का उल्लंघन कर फायरिंग की जा रही है जिसका भारत की ओर से करारा जवाब दिया जा रहा है।