जयपुर। राजस्थान में राजपूत करणी सेना के संरक्षक लोकेन्द्र सिंह कालवी ने चेतावनी दी कि आनंदपाल सिंह प्रकरण तथा पद्मावती फिल्म आंदोलन के मुकदमों को वापस लेने तथा आरक्षण की समीक्षा तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति एक्ट में किए किए संशोधन को वापस लेने की मांग नहीं मानी गई तो भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा चुनाव में फिर सबक सिखाया जाएगा।
राजस्थान, मध्यप्रदेश तथा छत्तीसगढ में भाजपा की हार का एक कारण राजपूतों की नाराजगी बताते हुए कालवी कहा कि आनंदपाल प्रकरण में उनके 24 प्रमुख नेताओं तथा 12 हजार राजपूत समाज के लोगों पर केन्द्रीय जांच ब्यूरों ने मुकदमा दर्ज किया है जिसे वापस लिया जाए। इसी तरह पद्मावती फिल्म को लेकर किए आंदोलन में समाज के लोगों पर दर्ज मुकदमें भी वापस लिए जाने चाहिए।
कालवी ने कहा कि केन्द्र सरकार राम मंदिर के मामले में अध्यादेश लाने से बच रही हैं लेकिन अनुसूचित जाति एवं जनजाति अधिनियम में संशोधन कर समाज को दलित एवं सवर्ण समाज में बांटने का काम किया हैं। उन्होंने कहा कि करणी सेना इन मुद्दों को लेकर हरियाणा तथा मध्यप्रदेश में बड़े सम्मेलन आयोजित करेगी तथा मार्च में दिल्ली कूच किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हमारा भाजपा से बैर नहीं लेकिन समाज के मुद्दों को नहीं सुलझाया गया तो भाजपा का विरोध जारी रहेगा। करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार के मंत्रिमंडल में राजपूत समाज को प्रतिनिधित्व देने की मांग की हैं।