राजसमंद। राजस्थान रावत-राजपूत महासभा के तत्वावधान में 27 मार्च को भीम के समीप घणाबेडा माता मंदिर परिसर में 70वें व सुजावत समाज के सहयोग से चौथे सामूहिक विवाह को कोरोना वायरस संक्रमण से उपजे हालात व लॉकडाउन के चलते फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।
मगरा क्षेत्र के राजसमंद, भीलवाड़ा, अजमेर, पाली जिले के 36 जोड़ों का सामूहिक विवाह 27 मार्च को होना प्रस्तावित था। जिनकी विनायक स्थापना भी की जा चुकी थी। ऐसे में पाणिग्रहण संस्कार को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। रावत-राजपूत महासभा के प्रदेशाध्यक्ष हरि सिंह सुजावत ने बताया कि 27 मार्च को होने वाला सामूहिक विवाह स्थगित कर दिया गया है। विनायक स्थापना होने के कारण परिजन काफी परेशान है। जिनका समाधान निकाला जा रहा है।
सामूहिक विवाह की सभी तैयारियां पूर्ण, लाखों रुपए खर्च
सामूहिक विवाह को लेकर व्यापक तैयारियां की गई। कार्ड छपाई, बैंड, घोड़े, पाणिग्रहण संस्कार, डायचा, भोजन तैयारी पर लाखों रुपए खर्च कर दिए गए। इस बीच कोरोना वायरस के चलते विवाह स्थगित करना पड़ा। इसमें सुजावत समाज डूंगाजी का गांव व गोदाजी गांव के तरफ से आयोजित होने वाले समारोह के लाखों रुपए खर्च हो गए हैं।
सभी जोड़ों को 10000 रुपए की सहायता राशि दी
सामूहिक विवाह के स्थगित होने के कारण रावत-राजपूत महासभा की ओर से सभी जोड़ों को दस- दस हजार रुपए की सहायता राशि दी गई है जिससे वह अपने स्तर पर कोरोना वायरस इफेक्ट को ध्यान रखते हुए केवल पाणिग्रहण संस्कार पूर्ण करा सके।
अब बाद में केवल आशीर्वाद समारोह होगा
महासभा सामूहिक विवाह समिति के अध्यक्ष एडवोकेट टीकम सिंह व स्थानीय विवाह समिति के अध्यक्ष मोहन सिंह चौहान ने बताया कि कोरोना वायरस इफेक्ट के हटने के बाद घणा बेड़ा माता परिसर में विशाल आशीर्वाद समारोह आयोजित किया जाएगा। जिसमें विवाहित जोड़ो को डायचा दिया जाएगा।
सामूहिक विवाह को लेकर महासभा प्रदेशाध्यक्ष हरिसिंह सुजावत, प्रदेश संयोजक गोपाल सिंह पीटीआई, सरपंच कंचन राठौड़, पूर्व सरपंच मोहनसिंह, भूपेंद्र सिंह, मोहनसिंह दोकुड़ी, छितरसिंह, किशन सिंह सुजावत, मोती सिंह, कैप्टन बाबूसिंह, परमेश्वरसिंह, कुशाल सिंह, लाखन सिंह, कैप्टन मोतीसिंह आदि जुटे हुए थे।