नई दिल्ली। चुनावी बाैंड और सार्वजनिक क्षेत्रों में विनिवेश को लेकर कांग्रेस और वामदलों द्वारा चर्चा कराये जाने के लिए दिये गये नोटिस को खारिज किये जाने से नाराज इन दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण गुरूवार को राज्यसभा में शून्यकाल नहीं हो सका और कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई।
सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने और आवश्यक दस्तावेजों के सदन पटल पर रखे जाने के बाद सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि कांग्रेस के बी के हरिप्रसाद और वामपंथी के के रागेश सहित कई सदस्यों ने चुनावी बौंड एवं सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में विनिवेश के विरोध में नोटिस दिया है। उन्होंने कहा कि वे इन नोटिस को मंजूर नहीं कर रहे हैं क्योंकि अभी यह जरूरी नहीं है। उन्होंने कहा कि कल महत्वपूर्ण मुद्दा था तो सदस्यों को अनुमति दी गई थी।
इसके बाद उन्होंने शून्यकाल शुरू करते हुए कांग्रेस की विप्लव ठाकुर को अपनी बात रखने के लिए नाम पुकारा तो कांग्रेस और वामदलों के सदस्य अपनी अपनी सीटों से उठकर जोर जोर से बोलने लगे। कांग्रेस के सदन में उप नेता आनंद शर्मा भी कुछ बोल रहे थे लेकिन शोर शराबा में सुना नहीं जा सका। इस बीच नायडु ने जोर जोर से बोल सदस्यों ने कहा कि आप मेरी सीट पर आ जायें और इस संबंध में निर्णय ले लें।
इसी दौरान भी हंगामा जारी रहने पर नायडू ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी और शून्यकाल नहीं हो सका।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने विनिवेश कार्यक्रम को आगे बढ़ते हुए बुधवार को भारतीय पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल), शिपिंग कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (एसीआई), कोनकोर , टेहरी हाइड्रोइलेक्ट्रिक डेवलमेट कार्पोरेशन (टीएचडीसीआईएल) और नार्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कार्पाेरेशन लिमिटेड में रणनीतिक विनिवेश को मंजूरी प्रदान की थी। बीपीसीएल में सरकार की 53.29 प्रतिशत, शिपिंग कार्पोरेशन में 63.75 प्रतिशत, टीएचडीसीआईएल में 74.23 प्रतिशत और नार्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर में शत प्रतिशत हिस्सेदारी का निवेश किया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त कोनकोर में 54.80 प्रतिशत हिस्सेदारी में से 24 प्रतिशत हिस्सेदारी सरकार के पास रहेगी लेकिन 30.80 प्रतिशत हिस्सेदारी का रणनीतिक निवेशक किया जायेगा। इसके अतिरिक्त कुछ चुनिंदा सावर्जनिक उपक्रमों में भी सरकार अपनी हिस्सेदारी 51 प्रतिशत से कम करने लेकिन प्रबंधन नियंत्रण अपने पास रखने को भी सैद्धांतिक मंजूरी दी है।