नयी दिल्ली । भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देने और व्यापार- कारोबार में भरोसा बनाने के लिए राज्यसभा में चेक बाउंस के दाेषियों को कड़ी सजा तथा भारी जुर्माने की व्यवस्था करने की मांग की गयी।
सदन के सदस्यों ने चेक बांउस से संबंधित ‘द निगोसिएशन इन्सट्रूमेंटस् (संशोधन) विधेयक 2018’ की चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि चेक बाउंस के मामलें में जमानत नहीं दी जानी चाहिए और ऐसे व्यक्ति को चेक जारी करने से रोक दिया जाना चाहिए।
इससे पहले सदन में वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने ‘द निगोसिएशन इन्सट्रूमेंटस् (संशोधन) विधेयक 2018’ चर्चा के लिए पेश करते हुए कहा कि इससे कारोबार के लेन देन में भरोसा बढ़ेगा।
उन्हाेंने कहा कि इस विधेयक के जरिए इस कानून में बदलाव किया जाएगा। चेक बाउंस होने के बाद मामला अदालत में जाने पर इसको जारी करने वाले व्यक्ति को 20 प्रतिशत राशि का भुगतान चेक प्राप्तकर्ता को अदा करना होगा। इस राशि का भुगतान 60 दिन के भीतर करना होगा जिसे 90 दिन तक बढाया जा सकता है।
चेक बाउंस हाेने का दोषी सिद्ध होने पर दो वर्ष की जेल का भी प्रावधान किया गया है। अगर अदालत के फैसले के खिलाफ अपील की जाती है तो चेक जारी करने वाले व्यक्ति को और 20 प्रतिशत राशि जमा करानी होगी। लोकसभा इस विधेयक को पहले की पारित कर चुकी है।