नई दिल्ली। राज्यसभा में बुधवार को विपक्षी दलों के सदस्यों ने किसानों की समस्याओं को लेकर भारी हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।
सुबह सदन की कार्यवाही शुरु होने और आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखे जाने के बाद कांगेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने सभी कामकाज रोककर किसानों की समस्याओं पर चर्चा कराने की मांग की जिसे सभापति एम वेंकैया नायडू ने अस्वीकृत कर दिया।
इसके बाद विपक्षी दल के सदस्य सदन के बीच में आ गये और नारेबाजी करने लगे। सभापति ने बार बार सदस्यों से शांत होने और सदन की कार्यवाही चलने देने का अनुरोध किया। सदस्यों के शांत नहीं होने पर सदन की बैठक बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।
इससेे पहले नायडू ने कहा कि कांग्रेस के दीपेन्द्र सिंह हुड्डा, प्रताप सिंह बाजवा , द्रमुक के तिरुची शिवा आदि ने किसानों की समस्याओं को लेकर नियम 267 के तहत कार्यस्थगन प्रस्ताव दिया है । इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी के अशोक सिद्धार्थ ने पेट्रोलियम पदार्थों की मूल्य वृद्धि को लेकर नियम 267 के तहत नोटिस दिया है जिसे नामंजूर कर दिया गया है। किसानों की समस्याओं पर पहले ही चर्चा हुयी है, इसलिए वह इसे अस्वीकृत करते हैं।
उन्होंने कहा कि कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में कृषि मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा का निर्णय हुआ है। उन्होंने कहा कि सदस्य हंगामा कर किसानों के साथ न्याय नहीं कर रहे हैं।
इससे पहले विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश के किसान अपनी समस्याओं को लेकर आन्दोलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सदन में सभी कामकाज रोककर किसानों की समस्याओं पर चर्चा की जानी चाहिए।