नयी दिल्ली । असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के अंतिम मसौदे में करीब 40 लाख लोगों के नाम नहीं होने के मुद्दे पर शून्यकाल के दौरान स्थगित हुई राज्यसभा की कार्यवाही फिर से दो बजे तक स्थगित कर दी गयी।
स्थगन के बाद जैसे ही प्रश्नकाल के लिए सदन की बैठक बैठी और सभापति एम वेंकैया नायडू आसन पर बैठे तृणमूल कांग्रेस और अन्य दलों के सदस्यों ने कुछ कहना चाहा लेकिन वे सर-सर….ही कह पाये कि सभापति ने बिना कुछ बोले और बिना कुछ सुने ही कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी। इसके चलते प्रश्नकाल नहीं हो सका।
इससे पहले सुबह कार्यवाही शुरू होने पर तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने इस मुद्दे को लेकर हंगामा किया। विपक्ष के अन्य दलों के सदस्य भी उनके साथ यह मुद्दा उठा रहे थे जिससे सदन में शोर शराबा हो गया।
नायडू ने कहा कि इस मुद्दे पर कुछ सदस्यों ने उनसे संपर्क किया है और इस पर उन्होंने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से स्पष्टीकरण मांगा है। मंत्री अभी सदन में हैं और वह इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण देंगे।
नायडू के बयान के बाद भी कांग्रेस़, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, तेलुगू देशम पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल के सदस्य नारेबाजी करते रहे।
इस बीच गृहमंत्री ने कहा कि कुछ लोग अनावश्यक ही भय का माहौल बना रहे हैं। यह पूरी रिपोर्ट नहीं है। यह सिर्फ मसौदा है और अंतिम सूची भी नहीं है। सदस्यों के शांत नहीं होने पर सभापति ने सदन की कार्यवाही बारह बजे तक स्थगित कर दी।
असम में सोमवार को एनआरसी सूची का अंतिम मसौदा जारी किया गया जिसमें दो करोड़ 89 लाख तीन हजार 677 लोगाें के नाम है जबकि करीब 40 लाख लोगों के नाम इस सूची में नहीं हैं।