नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस के शोर-शराबे के बीच राज्य सभा ने बुधवार को वित्त विधेयक 2021 ध्वनिमत से लोक सभा को लौटा दिया।
सदन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भ्रष्टाचार मुक्त सरकार है और समाज के शोषित, पीड़ित, वंचित और गरीब व्यक्ति को सीधे मदद दी जा रही है। सरकार के आर्थिक सुधारों से बैंकों की गैर निष्पादित संपत्ति में कमी आयी है।
उन्होेंने कहा कि वित्त विधेयक में करों को तार्किक तथा सरल बनाने का प्रयास किया गया है तथा आयकर की दरों में बदलाव नहीं किया गया है। अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए कारोबार की सुगमता पर बल दिया गया है और इसके अनुपालन के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव भी किये गये हैं। इस क्रम में उत्पादन शुल्क में भी बदलाव किया गया है। उन्होंने कहा कि विधेयक में कर छूट तथा सरकारी बैंकों के वित्त पोषण जैसे कुछ अन्य अहम प्रस्ताव भी किये गये हैं और उन्हें इसका हिस्सा बनाया गया है।
वित्त मंत्री ने जीएसटी को लेकर सदस्यों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि जीएसटी वित्त मंत्रालय का मामला नहीं है। जीएसटी में कोई भी फैसला जीएसटी परिषद करती है और वही इससे संबंधित बदलाव कर सकती है। परिषद में देश के सभी राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं और उन्हें ही बदलाव का अधिकार है। पेट्रोल-डीजल की कीमतों को कम करने के लिए राज्य सरकारों को काउंसिल की बैठक में प्रस्ताव लेकर आना चाहिए। जीएसटी में लगातार परिवर्तन हुए हैं और यह विस्तृत चर्चा के बाद निर्णय लिया गया है।
सीतारमण ने कहा कि जीएसटी की क्षतिपूर्ति की अदायगी के लिए एक फार्मूला है और उसी के अनुसार सभी राज्यों को भुगतान किया जाता है। उन्होंने महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल सरकार के साथ किसी भी भेदभाव को खारिज करते हुए कहा कि सभी राज्यों को क्षतिपूर्ति का धन दिया जा चुका है। कुछ मामूली धनराशि का भुगतान भी 31 मार्च 2021 से पहले कर दिया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार बुनियादी ढांचे में भारी निवेश कर रही है। इससे रोजगार के अवसरों में इजाफा होगा और अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। उन्होंने जनधन, उज्जवला, स्वनिधि और मनरेगा योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के दौरान समाज के सभी वर्गों को सीधे उनके बैंकों में राहत राशि दी गयी है। उन्होंने कहा कि मनरेगा के धन का पूरा इस्तेमाल किया गया है।
देश के सभी कारोबारियों को कर के दायरे में लाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारे यहां जो भी व्यवसाय कर रहे हैं उन सब पर समान कर लगाया जा रहा है और अतिरिक्त बोझ किसी पर नहीं थोपा गया है। कुछ वस्तुओं के आयात को लेकर उठे सवालों पर उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार ने खराब गुणवत्ता वाले उत्पादों के आयात पर रोक लगायी है और खराब सामान देश में नहीं आये, इसलिए कर भी बढ़ाया गया है।
सीतारमण के जवाब के दौरान तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने पश्चिम बंगाल के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया जबकि वित्त मंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार राज्य के लोगों को केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं लेने दे रही है। इस पर तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने आपत्ति जताई और शोरशराबा करने लगे। तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और अर्पिता घोष ने अपने वक्तव्य बंगाली भाषा में दिये तो सीतारमण ने भी बंगाली भाषा में उनको जवाब दिया।