नयी दिल्ली | राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने उत्तर प्रदेश के दलित नेता राम शकल, जाने माने विचारक प्रो. राकेश सिन्हा, प्रख्यात प्रस्तरशिल्पी रघुनाथ महापात्रा और सुप्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्यांगना सोनल मानसिंह को राज्यसभा का नया सदस्य मनोनीत किया है।
एक सरकारी विज्ञप्ति में आज यहां बताया गया कि संविधान के अनुच्छेद 80 के तहत प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति ने राज्यसभा के सदस्य के रूप में इन चार लोगों को मनोनीत किया है।
राष्ट्रपति को साहित्य, विज्ञान, कला या समाजसेवा के क्षेत्र में काम करने वाले या कोई विशिष्ट योग्यता रखने वाले 12 व्यक्तियों को संविधान में अनुच्छेद 80(1)(ए) सहपठित अनुच्छेद 80(3) के तहत राज्यसभा का सदस्य मनोनीत करने का अधिकार है। इस समय आठ मनोनीत सदस्य हैं और चार स्थान रिक्त हैं। इन चारों की नियुक्तियों से सभी रिक्तियां पूरी हो गयी हैं।
श्री राम शकल उत्तर प्रदेश के जाने पहचाने समाजसेवी और किसान नेता हैं जिन्होंने अपना जीवन दलित समुदाय के कल्याण के लिए समर्पित किया है। उनकी पहचान किसानों, मज़दूरों एवं प्रवासियों की दिक्कतों को लेकर संघर्ष करने वाले नेता के रूप में है। वह उत्तर प्रदेश के रॉबर्ट्सगंज से तीन बार लोकसभा सदस्य रह चुके हैं।
श्री राकेश सिन्हा एक प्रतिष्ठित लेखक हैं। वह दिल्ली स्थित थिंक टैंक इंडिया पॉलिसी फाउंडेशन के संस्थापक एवं दिल्ली विश्वविद्यालय के मोतीलाल नेहरू कॉलेज में प्रोफेसर हैं। वह भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद के सदस्य हैं। वह अनेक समाचार पत्रों में नियमित स्तंभ लेखन का भी कार्य करते हैं।
श्री रघुनाथ महापात्र अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त प्रस्तरशिल्पी हैं। पत्थरों पर उनकी कारीगरी का सिलसिला 1959 से शुरू हुआ है। वह दो हजार से अधिक छात्रों को प्रशिक्षित कर चुके हैं। उन्होंने पुरी के भगवान जगन्नाथ मंदिर के सौंदर्यीकरण में योगदान दिया है। संसद के केन्द्रीय कक्ष में ग्रे पत्थर पर सूर्यदेव की प्रतिमा तथा पेरिस के बुद्ध मंदिर में लकड़ी पर भगवान बुद्ध की प्रतिमा को उन्होंने ही उकेरा है।
श्रीमती सोनल मानसिंह भारतीय शास्त्रीय नृत्यकला की मशहूर कलाकार है। वह छह दशकों से भरतनाट्यम एवं ओडिसी का प्रदर्शन करती रहीं हैं। वह नृत्यनिर्देशिका, शिक्षिका और सामाजिक कार्यकर्ता भी है। उन्होंने दिल्ली में 1977 में सेंटर फॉर इंडियन क्लासिकल डाँसेज़ की स्थापना की थी।