अयोध्या। सुप्रीमकोर्ट का फैसला रामजन्मभूमि के पक्ष में आने से उत्साहित अयोध्या के बाशिंदे 21 नवम्बर को धूमधाम से राम बारात मां जानकी की नगरी नेपाल के जनकपुर ले जाने के लिए निकलेंगे।
श्रीराम विवाह आयोजन समिति के सदस्य एवं विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय मंत्री राजेन्द्र सिंह पंकज तथा प्रवक्ता शरद शर्मा ने शुक्रवार को बताया कि अयोध्या से जनकपुर जाने वाली रामबारात की तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। इस बार राम बारात जाने के लिये काफी लोग उत्साहित हैं। राम बारात 21 नवम्बर से निकलेगी और विभिन्न पड़ावों से गुजरते हुए 28 नवम्बर को जनकपुर पहुंचेगी।
उन्होंने बताया कि 29 नवम्बर को दशरथ मंदिर के प्रांगण में अपरान्ह दो बजे से तिलकोत्सव, 30 नवम्बर को कन्या पूजन के अलावा मठकोर का आयोजन किया गया है। इसी तरह से एक दिसम्बर को रामलीला मंचन के अन्तर्गत धनुष यज्ञ एवं राज्य में जानकी मंदिर विधि पूर्वक विवाहोत्सव का आयोजन किया जाएगा।
दो दिसम्बर को कुंवर कलेवा के आयोजन के साथ ही अभावग्रस्त बालिकाओं का समूह विवाह कराया जायेगा। तीन दिसम्बर को जनकपुर से बारात अयोध्या के लिए प्रस्थान करेगी। यह बारात चार दिसम्बर को अयोध्या वापस लौटेगी।
आयोजन समिति के संयोजक ने बताया कि पहली बार राम बारात का आयोजन वर्ष 2004 में किया गया था जबकि बाद में 2009 और 2014 में भी रामबारात निकाली गई। उन्होंने बताया कि बारात कार और बसों से प्रस्थान करेगी। इसके साथ भगवान के स्वरूपों का रथ भी शामिल होगा।
बारात में अयोध्या की प्रधानता के अलावा हरिद्वार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश व अन्य स्थानों के भी संत-महंत शामिल होंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस आयोजन में नेपाल सरकार के मंत्रीगण के अलावा नेपाल राजपरिवार के सदस्य भी हिस्सा ले सकते हैं।
शर्मा ने बताया कि बारात में रामनगरी के संत-महंत भी शामिल होंगे जो कि अलग-अलग भूमिका में होंगे। बारात में जाने के लिए संत-महंतों को आमंत्रित करने के लिए आमंत्रण पत्र का वितरण शुरू हो गया है।
ज्ञातव्य है कि रामबारात का आयोजन सबसे पहले लक्ष्मण किलाधीश के महंत सीताराम शरण महाराज ने किया था लेकिन कतिपय कारणों से बारात ले जाने का क्रम बंद हो गया था इसके बाद विश्व हिन्दू परिषद ने रामबारात का सिलसिला फिर शुरू किया है।