अयोध्या। लगभग पांच सौ साल के लंबे संघर्ष के बाद प्रभु श्री राम की जन्मस्थली में बनने जा रहे भव्य राम मंदिर में किसी भी सरकार का एक पैसा भी नहीं लगेगा।
मंदिर के लिए जनता से धन संग्रह का अभियान मकर संक्रांति 14 जनवरी से शुरू किया जाएगा जो माघ पूर्णिमा 27 फरवरी तक चलेगा। जनता ने सहयोग राशि लेने के लिए चार लाख से अधिक स्वयंसेवक 12 करोड़ परिवारों तक पहुंचेंगे। सभी परिवारों से उनकी इच्छा के अनुसार सहयोग राश ली जाएगी।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि श्री राम का मंदिर पूरी तरह से जनता के सहयोग से बनेगा। काम शुरू होने के तीन साल में मंदिर के शिखर पर पताका फहराने लगेगी। उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए अबतक 80 करोड़ रूपए आ चुके हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने निजी खाते से 11 लाख रूपए का चेक दिया है। इसके अलावा पटना हनुमान मंदिर से दो करोड़ रूपए तथा शिवसेना मुमबई की ओर से एक करोड़ रूपए का चेक मिला है। देश के उद्योगपति अपने व्यक्तिगत खाते से सहयोग राशि दे सकते हैं।
मंदिर निर्माण में आम लोगों की सहभागिता के लिए प्रयागराज में कल तीर्थ क्षेत्र की बैठक हुई जिसमें बड़ी संख्या में संत और आचार्यों से भाग लिया। बैठक में निर्णय लिया गया कि मंदिर निर्माण में धन संग्रह राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से शुरू किया जाएगा। शहरों में धन संग्रह की शुरूआत प्रथम नागरिक मेयर से होगी।धन संग्रह के लिए पूरे देश में एक लाख टोली निकलेगी। हर टोली में कम से कम तीन सदस्य होंगे। बैठक में कहा गया कि हमें किसी से कुछ मांगने की आवश्यकता नहीं है। भगवान के लिए अपने सामर्थ्य के अनुसार लोग खुद ही देंगे।