प्रयागराज। अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर के लिए ट्रस्ट सरकारी धन का उपयोग नहीं करेगा, बल्कि इसके लिए प्रभु राम के भक्तों से आर्थिक सहयोग लिया जाएगा। उसके लिए समर्पण अभियान आगामी 15 जनवरी से 27 फरवरी तक रखा है।
विश्व हिन्दू कार्यालय कार्यालय में शनिवार को राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से काशी प्रांत का संपन्न हुए पहले संत सम्मेलन में ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने कहा कि करोड़ों राम भक्तों के स्वैच्छिक सहयोग से ही ट्रस्ट मंदिर का निर्माण करेगा। राय ने कहा कि यह कोई कंक्रीट का मंदिर नहीं है, पत्थरों से बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि बड़े से बड़े विशेषज्ञ कि राय से निर्माण किया जा रहा है। यह भगवान का घर है कोई कम्युनिटी सेंटर नहीं, इसलिए हमें किसी से कुछ मांगने आवश्यकता नहीं है भगवान के लिए अपनी सामर्थ्य के अनुसार समाज स्वयं आर्थिक सहयोग देगा। मंदिर निर्माण की प्रक्रिया तीन वर्षों में पूर्ण होगी। मंदिर की एक-एक ईट हिंदू समाज का मान बढ़ाएगी।
इस मंदिर के लिए लाखों लोगों ने आहुति दी है। पूज्य संतों के मार्गदर्शन में अभी तक सारी लड़ाइयां लड़ी गई है, जब भव्य मंदिर निर्माण की बेला आई है ऐसे समय में पूज्य संतों के कल्पना के आधार पर ही इस मंदिर का निर्माण होना है।
ट्रस्ट के महामंत्री राय ने कहा कि आगामी 15 जनवरी को विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं उपराष्ट्रपति के पास इस अभियान में समर्पण के लिए जाएंगे।
विहिप के केंद्रीय संत संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी ने कहा कि यह धन संग्रह नहीं समर्पण का कार्यक्रम है। हिंदू समाज जो अपनी श्रद्धा एवं इच्छा से सहयोग करेगा वह सब स्वीकार्य हैं। यह कार्यक्रम पांच लाख से अधिक गांव में 12 करोड़ हिंदू परिवारों में जाने का है। सम्मेलन में राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य जगतगुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने सभी को कार्यक्रम की सफलता के लिए आशीर्वाद दिया।
अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने कहा की अखाड़ा परिषद की ओर से समाज में इस समर्पण के अभियान की अपील की जाएगी एवं भक्तों से इस अभियान में सहयोग के लिए कहा जाएगा।
स्वामी जितेंद्रानंद, घनश्यामाचार्य, गोपाल महाराज, धराचार्य, राम रतन दास, फलारी बाबा, रामानुजाचार्य, लाल बाबा, सुदामा कुटी, डॉ रामेश्वर दास, अनेक संतों ने अपने विचार में कहा कि वह सब अपना स्थान छोड़कर इस अभियान में समाज के बीच जाएंगे।
इस सम्मेलन में साधु संतों समेत प्रांत संगठन मंत्री मुकेश कुमार, विमल प्रकाश, सुरेश अग्रवाल, शंकर देव त्रिपाठी, अजय गुप्ता, विनोद अग्रवाल, लालमणि तिवारी, सुशील राय, अमित पाठक, सत्येंद्र शुक्ला, महेंद्र मौर्य, शिवम द्विवेदी एवं कमला मिश्रा आदि उपस्थित रहे।