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प्रभु नाम सीधा जपने से सिद्धि, उल्टा जपने से मिलती है शुद्धि - Sabguru News
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प्रभु नाम सीधा जपने से सिद्धि, उल्टा जपने से मिलती है शुद्धि

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प्रभु नाम सीधा जपने से सिद्धि, उल्टा जपने से मिलती है शुद्धि

54 अरब हस्तलिखित राम नाम महामंत्रों की परिक्रमा का 7वां दिन
अजमेर। आजाद पार्क अयोध्या नगरी में बीती 31 दिसंबर से आयोजित अनवरत चल रही 54 अरब हस्तलिखित श्रीराम नाम महामंत्रों की महापरिक्रमा के सातवें दिन शनिवार को भी रामभक्तों का आना बना रहा। सुंदरकांड पाठ और प्रवचनों का श्रवण कर भक्तजन धर्मलाभ उठा रहे हैं। राम भक्तों से अटी अयोध्या नगरी में देर शाम भजन संध्या में भजन गायक विमल गर्ग ने राम दरबार में एक से बढकर एक भजनों की प्रस्तुति दी।

प्रतिदिन सुंदरकांड पाठ में जुट रही रामभक्तों की भी

परिक्रमा स्थल पर प्रतिदिन सुंदरकांड का पाठ हो रहा है, सातवें दिन गणेश मानस मण्डल के कैलाश शर्मा व साथियों ने सुन्दरकाण्ड पाठ के जरिए माहौल को राममय कर दिया। सुंदरकांड के दौरान सोने की लंका जलाय गयो रे छोटो सो वानर…, जलाय आयो लंका बजाय आयो डंका…, मेरी बिगडी बना दो राम, मेरी बिगडी बना दो राम मैं आया तेरी द्वार…, मुझको मिला दे बजरंगी बाबा मिला दे श्रीराम से, श्रीराम से…श्रीराम नाम जप ले हर वक्त चलते फिरते, सांस का क्या भरोसा रुक जाए चलते चलते…, दुनिया का बनकर देख लिया अब राम का बनकर देख…, राम थारो नाम लागे भकतां ने लागे प्यारो…भजनों पर राम भक्त झूम उठे।

महाआरती के समय सह संयोजक कंवल प्रकाश, उमेश गर्ग, कुणाल यादव, डॉ दीपिका शर्मा, शशिप्रकाश इंदोरिया, सुरेश शर्मा, सुरेन्द्र बंसल, हेमंत तायल, शंकर सिंह राठौड, पूरणसिंह चौहान, अशोक टांक, अनिल गर्ग, सम्मान सिंह, लोकमन गोयल आदि मौजूद रहे। बजरंगदल के राष्ट्रीय संयोजक मनोज वर्मा, संयोजक पंडित किशन शर्मा समेत बडी संख्या में बजरंगियों ने परिक्रमा की। इस अवसर पर भीमदत्त शुक्ला, आशुतोष शर्मा, चन्द्रशेखर शर्मा, कैलाश भाटी आदि ने उनका जोरदार स्वागत किया।

राम नाम की महिमा अपरंपार : पाठकजी महाराज

प्रभु नाम को सीधा जपने से सिद्धि मिलती है और उल्टा जपने से शुद्धि। सिद्धि पाने के बाद अहंकार आने की संभावना होती है, इसलिए सिद्धि से पहले शुद्धि कर लो। प्रभु नाम को सीधा और उल्टा दोनों तरह से जपने का महत्व होता है। यह बात चित्रकूट धाम पुष्कर के पाठकजी महाराज ने कहा कि परिक्रमा महोत्सव के दौरान प्रवचन करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि नारद जी ने डाकू वालिया को सीधा नहीं बल्कि भगवान के नाम का उल्टा जप करने को कहा तो उनकी शुद्धि हुई और समस्त सिद्धियां उनकों स्वत: ही प्राप्त हुई और वे रामभक्त वाल्मीकि हो गए।

राम नाम की महिमा अपरंपार है। त्रिलोकीनाथ शिव भी राम के नाम का जप करते हैं। कहा जाता है कि शिव का काशी में नित्य विहार होता है। जिस जीव की मृत्यु काशी में होती है वह जन्म मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है क्योंकि मुक्ति के अंतिम क्षण में खुद शिव उस जीव के कान में राम नाम रूपी महामंत्र की दीक्षा देते हैं।

धर्म गणवेश नहीं, गुणवेश है, धर्म को गणवेश की तरह नहीं बल्कि गुणवेश की धारण करें। धर्म तो स्वभाव में आना चाहिए। इसी तरह राम नाम की महिमा का पुण्य तब मिलता है जब हम ठीक तरह से इसका रसपान यानी भक्ति करेंगे। राम नाम लेकर हनुमान चिरंजीव हो गए। राक्षस कुल में जन्म लेने के बाद भी विभीषण प्रभु राम के प्रिय हो गए।

राम का नाम अनन्त प्रभावकारी है, बस इसका रसपान करने की विधा को जान लेंगे तो इसका प्रभाव हमारे जीवन में उतरने लगेगा। हम प्रभु के बताए अनुसार आचरण करें। राम का अर्थ सत्य है, राम राम जपते जपते हमारे जीवन में सत्य के भाव जगे तो समझो भगवान को पा लिया। परिवार के सदस्यों के बीच सत्य का भाव रहे तो समझो राम राज्य हो गया।

उन्होंने 54 अरब हस्तलिखित राम नाम महामंत्रों की परिक्रमा को दिव्य आयोजन बताते हुए कहा कि यह अजमेर के धर्मप्रेमियों का सौभाग्य है कि यहां भगवान के नाम का विशाल भंडार इसी नगरी में विराजित है। सही मायने में देखा जाए तो अजमेर के वासी अरबपति हैं।

समाजसेवियों और राम साधकों का सम्मान

समिति की ओर से समाजसेवी श्री श्याम प्रेम मंडल के गोपाल गोयल, कमल किशोर गर्ग तथा पूर्व विधायक नवलराय बच्चाणी और वरिष्ठ पत्रकार संजय गर्ग का सम्मान किया गया। 84 लाख बार श्रीराम नाम का हस्तलिखित जप पूर्ण कर लेने वाले साधक विजय लक्ष्मी खेतावत, चन्द्र शोभा गौड, ओमप्रकाश चोरसिया, ​तारामणि अग्रवाल और संजीव लोचन को श्रीफल देकर तथा शॉल ओढाकर राम नाम धन संग्रह बैंक की ओर से बहुमान किया गया। राजेश सीताराम बंसल, कृष्ण अवतार बंसाली, सुरेन्द्र कुमार, अजय कुमार वर्मा और गोविन्द खटवानी यजमान रहे।

विमल गर्ग की एक शाम राम के नाम में बही भजन सरिता

भगवान राम को समर्पित ‘एक शाम राम के नाम’ कार्यक्रम में जाने माने भजन गायक विमल गर्ग और साथियों ने भजन सरिता से रामभक्तों को भावविभोर कर दिया। लाल लंगोटों हाथ में सोठों…,राम सिया राम सिया राम जय जय राम…, प्यार की दो बूंदें मांगी तुमसे सागर दे दिया…, सोचा ना कभी ऐसा तूने वो किया है…, तुमसे मिलीं खुशियां…, मैं वारी जाउं बालाजी…, सांस टूटे तू ना छूटे आदि भजनों से भक्तों का मन मोह लिया।

परिक्रमा स्थल पर राम चाय, समोसे और कचोरी का प्रसाद

सह संयोजक उमेश गर्ग ने बताया कि श्रीराम नाम महामंत्र परिक्रमा समारोह समिति के तत्वावधान और श्री मानव मंगल सेवा न्यास व श्रीराम नाम-धन संग्रह बैंक के सहयोग से विश्व में सर्वाधिक विधिवत संकलित हस्तलिखित श्रीराम नामों की परिक्रमा 15 जनवरी तक जारी रहेगी। भक्तजन सुबह 6:15 बजे से परिक्रमा का आनंद ले सकते हैं। सुन्दरकाण्ड पाठ और संतजनों के प्रवचन प्रतिदिन हो रहे हैं। शनिवार को केशव पीठ की ओर से समोसे तथा कचोरी का प्रसाद वितरित किया गया। लायंस क्लब उमंग की ओर से निशुल्क राम चाय प्रतिदिन पिलाई जा रही है।                                                    

अयोध्या नगरी में स्थापित रामदरबार में है कुछ खास

54 अरब हस्तलिखित श्रीराम नाम महामंत्रों की परिक्रमा के आयोजन स्थल अयोध्यानगरी में स्थापित राम दरबार का विशेष महत्व है। यह राम दरबार भी हस्तांकित हैं। समिति के सह कंवल प्रकाश किशनानी ने बताया कि राम दरबार में महिषि सावित्री पाण्डे ने (अपनी उम्र के उस पडाव में, जिसमें कि अकसर हाथ कांपने लगते हैं) अठारह बार मानस के पंचम सोपान, संपूर्ण सुन्दरकाण्ड को 18 बार अंकित किया है। नीचे नीले रंग की पट्टिका में राम राजतिलक की गाथा पांच बार अंकित हैं। श्रीमती पाण्डे ने इस चित्र का अंकन किसी विशेष प्रयोजनार्थ किया था पर भगवान की इच्छा ऐसी बनी की इस दरबार का दर्शन परिक्रमा स्थल पर राम भक्तों को मिल रहा है।

 

रविवार 7 जनवरी के कार्यक्रम

वीरेन्द्र शर्मा ने बताया कि सुबह 9 बजे गायत्री परिवार की ओर से यज्ञ का आयोजन किया जाएगा। भक्तजनों से अपील है कि अधिकाधिक संख्या में यज्ञ में भाग लेवें। मध्यान्ह 2ः30 बजे श्री श्याम शरणागत मण्डल के डॉ. स्वतंत्र शर्मा व साथियों द्वारा सुन्दरकाण्ड पाठ की प्रस्तुति दी जाएगी। शाम 5ः30 बजे विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय मंत्री उमाशंकर का उद्बोधन होगा। उद्बोधन समाज में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले समाजसेवियों आदि सम्मान ​किया जाएगा। महाआरती के बाद शाम 7ः30 बजे पं. रामलाल माथुर संगीत महाविद्यालय और कला अंकुर संस्थान की ओर से भगवान राम को समर्पित ‘सुर सरिता’ कार्यक्रम की प्रस्तुति दी जाएगी। इस कार्यक्रम में डॉ. कमला गोखरू, अमित, कैलाशचन्द खण्डेलवाल, दीपा नारीभाई टिक्यानी और गोपाल शर्मा चोयल यजमान रहेंगे।

84 लाख राम नाम लिखने वाले साधक खुद को मानते हैं भाग्यशाली

रूपनगढ किशनगढ निवासी संजीव लोचन ने 84 लाख बार राम नाम का लिखित जप पूर्ण किया है। इनका कहना है किे राम नाम लेखन से मन को शांति मिलती है। राम नाम की लगन तो उस स्वाद की तरह है जिसका आनंद बहुत आता है लेकिन उस आनंद की व्याख्या के लिए शब्द भी कम पड जाएंगे।

तोपदडा अजमेर निवासी ओमपकाश चोरासिया ने 84 लाख बार श्रीराम नाम महामंत्रों का लेखन पूरा किया है। पहले इनकी पत्नी राम नाम लिखती थी और ये राम नाम लिखी पुस्तकें जमा कराने राम नाम बैंक जाया करते थे। एक दिन बैंक में उनसे कॉपियां जमा करने वाले सज्जन ने कहा कि आप हमेशा आते हैं, क्यों न खुद भी राम नाम लेखन किया करें। बस उसी दिन संकल्प ले लिया और राम नाम लिखना शुरू कर दिया। राम नाम लिखने में इतना आनंद मिलता है कि कई बार खाने के समय आवाज लगती रहती है पर मैं अनसुनी कर देता हूं और पेज पूरा लिख देने के बाद ही खाना खता हूं। राम नाम लेखन शुरू करने के बाद से जीवन की हर जटिल समस्या का समाधान खुद ब खुद होता गया।

किशनगढ के रूपनगढ निवासी सोहन सिंह खंगारोत ने 84 लाख श्रीराम नाम महामंत्रों का लिखित जप पूर्ण किया है। उनके एक पैर में बहुत तकलीफ रहती थी, चलने में भी परेशानी होती थी। इसी दौरान राम नाम लिखना शुरू किया, कब 84 लाख राम नाम पूरे हो गए पता ही नहीं चला। वे कहते हैं कि राम की ऐसी कृपा हुई कि सब परेशानी दूर हो गई। राम नाम लिखने से यह जनम भी सुधर गया आगे प्रभु की जो कृपा होगी वो होगा।

पाली जिले के हेमावास निवासी अर्जुन सिंह कुम्पावत ने महज तीन साल के भीतर ही 84 लाख राम नाम महामंत्रों का हस्तलेखन कर दिया। एक बार हादसे में गंभीर घायल हो जाने के बाद अहमदाबाद के अस्पताल में इनके हाथ और पैर का आॅपरेशन हुआ। इसी दौरान इनके चाचा बस्तीराम ने कहा अस्पताल में उपचार में समय लगेगा इस बीच राम नाम लिखों समय भी कट जाएगा। तब पेन बहुत मुश्किल से पकडा जाता था लेकिन समय बीतने के साथ इनका हाथ ठीक होने लगा और राम नाम लेखन करने की क्षमता भी बढती गई।

महज दूसरी कक्षा पास पुष्कर के नागेलाव निवासी रामसुख प्रजापति ने 84 लाख राम नाम महामंत्रों का अंकन पूर्ण किया है। एक बार सलेमाबाद दर्शन को गए थे वहीं रामनाम लिखने का संकल्प किया था। इनका कहना है कि राम नाम लेखन करने से जीवन सुखमय बीत ​रहा है, परिवार में पूर्ण शांति रहती है। सभी प्राणीमात्र राम नाम का लिखित जप करें तो उनका भी जीवन सफल हो जाएगा।