सिरोही। देवनगरी सिरोही में रामनवमी महोत्सव भव्य विराट स्वरूप में मनाई जाएगी। विश्व हिंदू परिषद के मार्गदर्शन में रामनवमी महोत्सव समिति सिरोही के तत्वावधान में जोर-शोर से तैयारियां चल रही है।
उल्लेखनीय है कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर बनाने की प्रक्रिया शुरू होने के बाद इसको लेकर देशभर में अपार खुशी का वातावरण है और पूरे जोश व उमंग के साथ स्थानीय हिंदू समाज इसी खुशी को व्यक्त करने के लिए इसकी तैयारियों मे जुटा है।
श्री रामनवमी महोत्सव समिति सिरोही के मीडिया प्रभारी लोकेश खंडेलवाल ने आयोजन के संदर्भ में बताया कि जिला संघचालक हंसराज पुरोहित, जालोर विभाग प्रचारक श्यामसिंह एवं वीएचपी के प्रांत संगठन मंत्री ईश्वरलाल के सान्निध्य में आयोजित बैठक में शहर के गणमान्य नागरिक एवं हिन्दू समाज के कार्यकर्ताओं ने रामनवमी आयोजन एवं शोभायात्रा के निमित्त विस्तार से चर्चा करके रूपरेखा व कार्य योजना बनाई।
इससे बैठक को संबोधित करते हुए विश्व हिंदू परिषद के ईश्वरलाल ने श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के करीब 500 वर्षों के संघर्ष व रक्तरंजित इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अयोध्या का अतीत व उसका वैभव हिंदू समाज के लिए गौरवशाली है। पूर्व में आक्रांताओं ने जन्मभूमि के एक भाग पर अपना कब्जा कर इसे विवादित बना दिया था।
लंबे संघर्ष व कानूनी प्रक्रिया के बाद अब रामलला को पुन: अपने जन्म स्थान पर विराजमान करने का अवसर आ गया है और आगामी रामनवमी पर हिंदू समाज हर्षोल्लास के साथ अपनी आस्था व भक्ति का इजहार करेगा।
श्यामसिंह ने आराध्य प्रभु श्रीराम की महिमा बताई और मानव जीवन के लिए श्रेष्ठ आदर्श जीवन व प्रेरक व्यक्तित्व बताते कहा कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट गठन से प्रभु श्रीराम के मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो चुका है। राम जन्मभूमि आंदोलन में सक्रिय भाग लेकर कार्यकर्ताओं, संतों, शंकराचार्य, विदजनों ने अभूतपूर्व प्रयास किया और अब इसके सुखद परिणाम समाज के सामने आने वाले हैं।
उन्होंने सभी से रामनवमी के आयोजन को घर-घर पहुंचाने और इसमें सभी की भागीदारी सुनिश्चित करने का आवाहन किया। एडवोकेट हंसराज पुरोहित ने भी देवनगरी सिरोही के सभी धर्म प्रेमी सज्जनों से इसमें अधिकाधिक भागीदारी सुनिश्चित करने की अपील की।
बैठक का संचालन करते हुए सुरेश सगरवंशी एवं शिवलाल सुथार ने जानकारी दी कि रामनवमी पर निकलने वाली शोभायात्रा में बैंड बाजे, ढोल धमाकों, डीजे आदि के साथ हिंदू धर्म संस्कृति की सांस्कृतिक छटाओ, देवी- देवताओं से सजी और हमारे महापुरुषों की प्रेरणास्पद झांकियां आकर्षण का केंद्र होगी।
पूरे शहर में केसरिया रंग की ध्वज पताकाएं, फ़र्रिया, तोरण आदि लगाने का कार्य किया जाएगा। बैठक में तय किया गया कि प्रत्येक समाज से संपर्क, संवाद बनाकर आयोजन की भव्यता से अवगत कराकर सभी को आने का निमंत्रण दिया जाए। इसमें योजनाबद्ध तरीके से नगर के बस्ती अनुसार वार्ड, मोहल्ला क्षेत्र के लोगों, महिलाओं, युवाओं, बच्चों एवं धर्म प्रेमी सज्जनों को अधिकाधिक संख्या में कार्यक्रम से जोड़ने का प्रयास होगा।
इस आयोजन में पूरे नगर वासियों को आमंत्रित किए जाना है। इसमें व्यापारिक संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं, गरबा मंडलों, भजन मंडलियों, संत- महात्माओं, छात्रावास, स्कूल आदि की भी भागीदारी सुनिश्चित करने का तय किया गया।
बैठक में रेवाशंकर रावल, अमृतलाल खत्री, राजेश त्रिवेदी, सूर्यवीरसिंह चारण, वीरेंद्रसिंह चौहान, नारायण देवासी, भरत माली, अरुण ओझा, आनंद मिश्रा, राकेश पुरोहित, परीक्षित खरोर, राजेश गुलाबवाणी, अमन प्रजापत, शंकरलाल माली, वीरेंद्र एम चौहान, महिपालसिंह चारण, हेमंत पुरोहित, जब्बरसिंह चौहान, दीपक रावल, चंदूलाल सुथार, शिवलाल जीनगर, दयानाथ पाठक, गोपीकिशन, रणछोड़ पुरोहित, अतुल रावल, हीरालाल सुथार, श्रवण पुरोहित, श्रीमती वीनू सूर्यवंशी, हीरालाल कंसारा, लुंबाराम राणा, हेमंत वैष्णव, महेश कुमार, कैलाश माली, प्रदीप सोनी, अंकित रावल, मृत्युंजय दवे, अरविंद माली, मोहब्बतसिंह, चिराग अग्रवाल, संग्रामसिंह, जयकिशन रावल, कमलेश सगरवंशी, मनोज जैन, प्रेमप्रकाश खंडेलवाल, पुखराज सुथार, विक्रमदान चारण, प्रताप माली मनोज रावल, मांगूसिंह समेत बड़ी संख्या में शहरवासी मौजूद थे।