पाकुड़/गोड्डा। केंद्रीय गृहमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने आज कहा कि अयोध्या में चार महीने के अंदर भगवान राम के गगनचुंबी मंदिर का निर्माण होने जा रहा है।
शाह ने यहां चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार के प्रयासों की बदौलत दशकों से लटके बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद का समाधान हो गया है। उन्होंने कहा कि अब चार महीने के अंदर अयोध्या में भगवान राम के गगनचुंबी मंदिर का निर्माण होने जा रहा है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस ने दशकों तक केवल वोटबैंक की राजनीति के कारण राम जन्मभूमि विवाद को लटका कर रखा था। सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आने के बाद अब अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करने से कोई नहीं रोक सकता है।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ ने पांच सौ साल से अधिक पुराने अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद में 09 नवंबर 2019 को एकमत से ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए समूची 2.77 एकड़ विवादित भूमि श्रीराम जन्मभूमि न्यास को सौंपने और सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के निर्माण के लिए अयोध्या में ही उचित स्थान पर पांच एकड़ भूमि देने का निर्णय सुनाया था। इस फैसले के साथ ही देश में दशकों से चली आ रहे विवाद का समाधान हो गया और अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण का मार्ग भी प्रशस्त हो गया।
शाह ने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बंगलादेश के अल्पसंख्यक हिंदू, सिख, इसाई, पारसी, बौद्ध और जैनियों को भारत की नागरिकता देने के लिए नागरिकता संशोधन कानून बनाया गया है। लेकिन, विपक्षी दल इस मुद्दे पर केवल वोटबैंक की राजनीति कर रहे हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय जनता दल पर हमला बोलते हुए कहा कि एक तरफ भाजपा झारखंड को विकास के पथ पर अग्रसर करने का निरंतर प्रयास कर रही है वहीं ये तीनों पार्टियां राज्य को फिर से पिछड़ा बनाने में लगी हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश को न तो सुरक्षित रख सकती है न लोगों की भावनाओं का सम्मान कर सकती है और न ही देश का विकास कर सकती है तो फिर उसे सत्ता में क्यों लाया जाना चाहिए।
शाह ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब इन दलों की सरकार बनती है तब केवल भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार होता है। उन्होंने कहा कि झारखंड में धर्मांतरण एक बड़ी समस्या रही है, जिसका समाधान ढूंढने का प्रयास रघुवर सरकार ने ही किया है।
उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस और राजद ही हैं जब अलग झारखंड राज्य की मांग पर युवाओं पर गोलियां चलवाई थी लेकिन झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन केवल मुख्यमंत्री की कुर्सी पाने के लिए इन दलों की गोद में बैठ गए हैं।