जयपुर ,28 नवम्बर :- केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री रामदास अठावले ने कहा है कि राममंदिर पर अध्यादेश लाने के बजाय इसका फैसला सर्वोच्च अदालत पर छोड़ देना चाहिए।
श्री अठावले ने अाज यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हिन्दुओं की भावना को ध्यान में रखते हुये राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए लेकिन इसके लिए अध्यादेश लाना ठीक नहीं होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि न्यायालय का आदेश दोनो पक्षों को संतुष्ट करने वाला होगा। उन्होंने कहा कि गैर कानूनी तरीके से मंदिर निमार्ण करना ठीक नहीं होगा।
राजस्थान विधान सभा चुनाव की चर्चा करते हुये अठावले ने कहा कि रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया यहां सभी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थी लेकिन पर्याप्त संख्या में उम्मीदवार नहीं मिलने के कारण 14 सीटों पर ही चुनाव लड़ रही है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में सहयोगी दल होने के कारण चुनाव जीतने पर उनकी पार्टी यहां भाजपा को समर्थन करेगी। उन्होंने केन्द्र में मोदी और राज्य में वसुंधरा सरकार के कामकाज पर संतोष व्यक्त करते हुये दावा किया कि इस चुनाव में हर पांच साल में सरकार बदलने की परंपरा टूटेगी और फिर से भाजपा की सरकार बनेगी।
उन्होंने कांग्रेस पर समाज में फूट डालने का अारोप लगाते हुये कहा कि दिखावे के तौर पार्टी अपने आप को धर्मनिरपेक्ष एवं जातिगत राजनीति से हटकर दिखाने का प्रयास करती है जबकि सच्चाई इसके उलट है और बंद कमरों में वह जातिगत और धर्म आधारित राजनीति करती है। श्री अठावले ने सवर्ण जातियों के गरीबों के लिए 20 से 25 प्रतिशत आरक्षण का समर्थन किया। उन्होंने अनुसूचित जाति -जनजाति अत्याचार निवारण कानून का जिक्र करते हुये कहा कि इसके तहत किसी निर्दोष का परेशान नहीं किया जाना चाहिए।