बीकानेर | राजस्थान विधानसभा चुनाव में बीकानेर जिले के नोखा विधानसभा क्षेत्र में इस बार कन्हैया लाल झंवर के चुनाव मैदान में नहीं होने से विधानसभा में विपक्ष के नेता एवं कांग्रेस प्रत्याशी रामेश्वर डूडी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार बिहारी लाल विश्नोई में सीधा मुकाबला होने के आसार है।
बीकानेर में डूडी का इतिहास
श्री डूडी वर्ष 2013 के चुनाव में श्री झंवर को 29 हजार से अधिक मतों से हराकर विधायक चुने गये थे। श्री विश्नोई वर्ष 2008 के चुनाव में भाजपा के टिकट पर लड़े और तीसरे स्थान पर रहे। पिछले चुनाव में भाजपा की तरफ से उन्हें टिकट नहीं मिला तो वह निर्दलीय के रूप में लड़े और तीसरे स्थान पर रहे जबकि भाजपा के उम्मीदवार सहीराम विश्नोई अपनी जमानत तक नहीं बचा पाये। भाजपा ने इस बार फिर से बिहारी लाल विश्नोई पर भरोसा जताया है।
बीकानेर में कौन हारा कौन जीता
श्री झंवर 2008 के चुनाव में डूडी को हरा चुके हैं, जबकि पिछले चुनाव में वह डूडी से हारकर दूसरे स्थान पर रहे थे।
पूर्व सांसद और पूर्व जिला प्रमुख रहे श्री डूडी पिछली बार भारी मतों से जीत गये लेकिन क्षेत्र में निर्दलीय श्री झंवर के प्रभाव के कारण उन्हें कांग्रेस में शामिल होने के लिए राजी कर लिया।
इस बार डूडी के लिए राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी की प्रत्याशी और उन्हीं की भांजी उप जिला प्रमुख इंदु देवी तर्ड कुछ परेशानी खड़ी कर सकती हैं वहीं श्री विश्नोई के लिये भी निर्दलीय मेघ सिंह नुकसानदेह साबित हो सकते हैं।
बीकानेर में निर्दलियों की चुनावी स्थिति ?
नोखा बीकानेर जिले का ऐसा विधानसभा क्षेत्र है जहां निर्दलीय विधानसभा चुनाव की शुरूआत से ही राजनीतिक दलों के लिये कड़ी चुनौती पेश करते रहे हैं। वर्ष 1952 से लेकर 2008 तक हुए विधानसभा चुनावों में इस सीट पर अब तक पांच बार निर्दलीय, छह बार कांग्रेस और दो बार भाजपा के उम्मीदवार विजयी रहे हैं, जबकि तीन बार अन्य दलों ने बाजी मारी। इस बार इस क्षेत्र में कुल दो लाख दो हजार 957 मतदाता हैं।
बीकानेर में कुल कितने पुरुष है और कितनी महिलाएं है ?
इनमें एक लाख सात हजार 660 पुरुष और 95 हजार 297 महिलायें हैं। इस बार यहां से कुल 12 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। जिनमें इंदु देवी तर्ड (राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी), किशोर सिंह (एआरजेपी), जगदीश (बीवाईपीपी), भंवरलाल (एएएपी), भंवरलाल मेघवाल, (बीएनयूपी) और पांच निर्दलीय शामिल हैं।