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Ramnath Kovind says Culture does not break but combines and creates harmony - संस्कृति तोड़ती नहीं बल्कि जोड़ती है तथा समाज में सद्भाव स्थापित करती है: रामनाथ कोविंद - Sabguru News
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संस्कृति तोड़ती नहीं बल्कि जोड़ती है तथा समाज में सद्भाव स्थापित करती है: रामनाथ कोविंद

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संस्कृति तोड़ती नहीं बल्कि जोड़ती है तथा समाज में सद्भाव स्थापित करती है: रामनाथ कोविंद
कोविंद ने आज यहां प्रवासी भारतीय केंद्र के सभागार में
कोविंद ने आज यहां प्रवासी भारतीय केंद्र के सभागार में
कोविंद ने आज यहां प्रवासी भारतीय केंद्र के सभागार में

नयी दिल्ली । राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर को भारत की ही नहीं पूरी दुनिया की महान हस्ती बताते हुए कहा कि हमारी संस्कृति एवं सभ्यता काफी समृद्ध रही है और संस्कृति तोड़ती नहीं बल्कि जोड़ती है तथा समाज में सद्भाव स्थापित करती है।

कोविंद ने आज यहां प्रवासी भारतीय केंद्र के सभागार में विश्व में सरदार पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा बनाने वाले वयोवृद्ध मूर्तिकार, पद्मभूषण से सम्मानित राम सुतार और मणिपुरी नृत्य के गुरु राजकुमार सिंघन जीत तथा बंगलादेश की सांस्कृतिक संस्था छायानट को क्रमश: वर्ष 2014, 2015 तथा 2016 का टैगोर सद्भावना पुरस्कार देते हुए यह बात कही। उन्होंने प्रत्येक को पुरस्कार में एक करोड़ रुपये का चेक, प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिह्न अादि प्रदान किये।

उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता में कला, संगीत, नाटक, साहित्य, हस्तशिल्प एवं कला के हर रूप की सृजनात्मक अभिव्यक्ति होती रही है और हर प्रान्त की अपनी अलग सांस्कृतिक अस्मिता रही है। उन्होंने कहा कि संस्कृति तोड़ने का काम नहीं करती बल्कि जोड़ती है और समाज में सद्भाव पैदा करती है।

उन्होंने टैगोर की बहुमुखी प्रतिभा का जिक्र करते हुए कहा कि गुरुदेव केवल राष्ट्रवादी नहीं बल्कि अंतर राष्ट्रवादी थे और केवल भारत के नहीं बल्कि पूरी दुनिया के थे। उन्होंने कविता, चित्रकला, संगीत से लेकर शिक्षा के क्षेत्र में भी काम किया और वह हमारी सांस्कृतिक पहचान थे।