जयपुर। पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामनिवास मिर्धा एवं जसवंत सिंह राजस्थान से सर्वाधिक चार बार राज्यसभा पहुंचे जबकि शारदा भार्गव, रामदास अग्रवाल सहित आठ उम्मीदवार तीन बार राज्यसभा पहुंचने में सफल रहे।
लोकसभा अध्यक्ष रहे मिर्धा ने कांग्रेस उम्मीदवार के रुप में वर्ष 1967 में राजस्थान से उपचुनाव जीतकर राज्यसभा पहुंचे। इसके बाद उन्होंने वर्ष 1968, 1974 एवं 1980 के राज्यसभा चुनाव में भी राज्य से सांसद चुने गए।
इसी तरह पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी के रुप में राज्य से 1980 में राज्यसभा के लिए चुने गए। इसके बाद उन्होंने वर्ष 1986, 1998 एवं 2004 में भी राजस्थान से राज्यसभा का चुनाव जीतकर चार बार राज्य से राज्यसभा सांसद बनने का गौरव प्राप्त किया।
राज्यसभा चुनावों में कांग्रेस की शारदा भार्गव ने वर्ष 1952, 1956 एवं 1963 में राज्यसभा का चुनाव जीतकर राज्य से तीन बार राज्यसभा सांसद बनने का गौरव प्राप्त किया। इसी तरह भाजपा उम्मीदवार रामदास अग्रवाल ने वर्ष 1990, 1996 एवं 2006, मोहम्मद उस्मान आरिफ ने कांग्रेस प्रत्याशी के रुप में वर्ष 1970, 1976 एवं 1982, कांग्रेस के ही संतोष बागडोदिया ने वर्ष 1986, 1998 एवं 2004, उद्याेगपति एवं कांग्रेस उम्मीदवार कृष्ण कुमार बिड़ला ने वर्ष 19984, 1990 एवं 1996, कांग्रेस प्रत्याशी नरेन्द्र बुडानिया 2009, 2010 एवं 2012, भुवनेश चतुर्वेदी कांग्रेस उम्मीदवार के रुप में वर्ष 1982, 1988 एवं 1994 तथा निर्दलीय प्रत्याशी हरीश चंद्र माथुर ने वर्ष 1952, 1967 एवं 1968 में राजस्थान से राज्यसभा सांसद बनकर तीसरी बार राज्यसभा पहुंचे।
इसके अलावा डेढ़ दर्जन से अधिक उम्मीदवार ऐसे है जो राजस्थान से दो बार राज्यसभा पहुंचे हैं जिनमें पूर्व राज्यपाल एवं पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़ियां 1965 एवं 1966, पूर्व मुख्यमंत्री बरकतुल्ला खां 1952 एवं 1954, पूर्व मुख्यमंत्री जयनारायण व्यास कांग्रेस प्रत्याशी के रुप में 1957 एवं 1960, स्वतंत्रता सेनानी एवं कांग्रेस के सादिक अली 1958 एवं 1964, स्वतंत्रता सेना एवं कांग्रेस प्रत्याशी चौधरी कुंभाराम आर्य 1960 एवं 1968, राष्ट्रीय स्वयं सेवक (आरएसएस) के प्रचारक रहे सुंदर सिंह भंडारी वर्ष 1966 एवं 1976, स्वतंत्रता सेनानी एवं कांग्रेस प्रत्याशी स्वामी केशवानंद 1952 एवं 1958, भाजपा के ओमप्रकाश माथुर 2008 एवं 2016, कांग्रेस प्रत्याशी डा अबरार अहमद वर्ष 1988 एवं 2002,कांग्रेस प्रत्याशी धुलेश्वर मीणा 1980 एवं 1986, भाजपा उम्मीदवार ज्ञानप्रकाश पिलानियां 2002 एवं 2008, कांग्रेस प्रत्याशी भीमराज 1978 एवं 1984, के एल श्रीमाली कांग्रेस प्रत्याशी के रुप में 152 एवं 1956, दलपत सिंह 1964 एवं 1968, कांग्रेस प्रत्याशी विजय सिंह 1954 एवं 1960, कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी 2006 एवं 2012, कांग्रेस प्रत्याशी प्रभा ठाकुर 2002 एवं 2008 एवं भाजपा के भूपेन्द्र यादव 2012 एवं 2018 तथा बी एल पंवार 1985 एवं 1986 में शामिल हैं।
इनके अलावा राज्य से एक बार राज्यसभा चुनाव जीतने वालों में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू वर्ष 2016 में राजस्थान से राज्यसभा चुनाव जीता। पूर्व प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह गत 19 अगस्त को हुए राज्यसभा चुनाव जीतकर राजस्थान से राज्यसभा पहुंचे। इसी तरह पूर्व केन्द्रीय मंत्री नजमा हेपतुल्ला, प्रसिद्ध वकील एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री रहे रामजेठ मलानी, पूर्व मुख्यमंत्री टीकाराम पालीवाल, जयपुर के पूर्व महाराजा सवाई मानसिंह, लेखक एवं प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ रहे लक्ष्मीमल सिंघवी, उद्योगपति कमल मोरारका एवं छब्बीस मार्च को होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा उम्मीदवार के रुप में नामांकन करने वाले औंकार सिंह लखावत सहित पांच दर्जन से अधिक उम्मीदवार राज्य से एक बार राज्यसभा पहुंचने में सफल हुए।