नयी दिल्ली । लोकसभा की बिहार में 40 सीटों पर गठबंधन को लेकर भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की समस्या और गहरी होती प्रतीत होती है क्योंकि इसके एक प्रमुख सहयोगी एवं केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने चेतावनी दी है कि अभीतक सीटों को लेकर बात आगे नहीं बढ़ पाई है जिसका ‘नुकसान’ हो सकता है।
पासवान के पुत्र एवं लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान ने बुधवार को ट्वीट करके कहा,“गठबंधन (बिहार में) की सीटों को लेकर कई बार भाजपा के नेताओ से मुलाक़ात हुई परंतु अभी तक कुछ ठोस नतीजा नहीं निकल सका है। इस विषय पर समय रहते बात नहीं बनी तो इससे ‘नुक़सान’ भी हो सकता है।”
उन्होंने तेलुगु देशम पार्टी और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा, पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्ववाली) के राजग गठबंधन से निकलने की चर्चा करते हुए कहा,“दोनों के जाने के बाद राजग गठबंधन नाज़ुक मोड़ से गुज़र रहा है। ऐसे समय में भाजपा गठबंधन में फ़िलहाल बचे हुए साथीयों की चिंताओं को समय रहते सम्मान पूर्वक तरीक़े से दूर करें।”
गौरतलब है कि कुशवाहा ने हाल ही में बिहार में सीटों को लेकर भाजपा से बात नहीं बनने के बाद राजग गठबंधन से अलग होने का एलान कर दिया था। कुशवाहा के कांग्रेस-लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनता दल नीत महागठबंधन में शामिल होने के भी कयास लगाये जा रहे हैं।
फिलहाल लोजपा प्रमुख पासवान नरेंद्र मोदी-सरकार में खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री हैं। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग)-2 को छोड़ श्री पासवान 1996 के बाद से अबतक हर प्रधानमंत्री एच डी देवेगौडा, आई के गुजराल, अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह और 2014 के बाद से नरेंद्र मोदी के साथ मंत्री रहने का अद्भुत सम्मान हासिल किया है। पासवान डा. मनमोहन सिंह के नेतृत्ववाली संप्रग सरकार में मंत्री बनने से चूक गये थे।
दरअसल, 2009 के लोकसभा चुनावों में बिहार के लोकप्रिय दलित चेहरे पासवान को अपनी पारंपरिक हाजीपुर सीट से जनता दल (यूनाइटेड) के राम सुंदर दास के हाथों 37,954 वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। वर्तमान लोकसभा में, लोजपा की छह सीटें हैं। लोजपा प्रमुख हाजीपुर का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं जबकि उनके बेटे जमुई से सांसद चुने गए हैं।