नयी दिल्ली । कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार निजी कंपनियों को बचाने तथा भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) तथा महानगर टेलिफोन निगम लिमटेड (एमटीएनएल) जैसी सरकारी कंपनियों को बंद कर वहां के हजारों कर्मचारियों को निकालने की साजिश कर रही है।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने गुरुवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मोदी सरकार ने पांच साल के दौरानन इन दोनों कंपनियों को धीमा जहर दिया है और अब उसने बीएसएनएल के 54 हजार से ज्यादा कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने और एमटीएनएल का अस्तित्व पूरी तरह से मिटाने की तैयारी पूरी कर ली है।
उन्होंने कहा कि बीएसएनएल के निदेशक मंडल ने इस संदर्भ में अजीबोगरीब फैसला लिया है जिसके तहत उसने अपने कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र 60 साल से घटाकर 58 साल करने पर मोहर लगा दी है। इसके अलावा वह स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति योजना भी ला रही है। इस योजना के लागू होने के बाद उसके 54 हजार कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे।
प्रवक्ता ने कई निजी कंपनियों का उदाहरण देते हुए कहा कि मोदी सरकार घाटे में चल रही इन कंपनियों का पोषण करने में लगी है। दूरसंचार क्षेत्र में भी सरकार जीओ, आइडिया-वोडाफोन और एअरटेल को ही बाजार में रखना चाहती है इसलिए उसने सरकारी क्षेत्र की कंपनियों को 4जी स्पेक्ट्राम का आवंटन नहीं किया है। दाेनों कंपनियों के पास कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसा नहीं है।
उन्होंने कहा कि एमटीएनएल की हालत और खराब है। उसे छह अप्रैल को 11 हजार करोड़ रुपए लाइसेंस की फीस के लिए जमा करने हैं। इस कंपनी के पास फीस भरने के लिए पैसा नहीं है और यदि वह फीस नहीं भरेगी तो उसका लाइसेंस रद्द हो जाएगा। इस तरह से कंपनी के कर्मचारी दो दिन बाद ही बेकार होने जाएंगे।