नयी दिल्ली । कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सौ शहरों को स्मार्ट बनाने की घोषणा को जुमला करार देते हुए कहा है कि इसके तहत अब तक महज सात प्रतिशत राशि आवंटित की गयी है और मोदी की यह परियोजना पूरी तरह से फ्लॉप साबित हुई है।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीपसिंह सुरजेवाला ने बुधवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मिली जानकारी के अनुसार देश के सौ शहरों को स्मार्ट बनाने की इस परियोजना के तहत दो लाख करोड़ रुपए आवंटित किए जाने थे लेकिन पिछले पांच साल में इसके लिए महज 14 हजार करोड़ रुपए ही दिये गये। इस गति से यदि इस काम चलता रहा तो देश में सौ स्मार्ट सिटी बनाने का काम 52 साल में पूरा हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि खुद प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के हाल बहुत खराब हैं। इस शहर को स्मार्ट बनाने के लिए 2267 करोड़ रुपए मिलने चाहिए थे लेकिन उसे अब तक महज साढ़े आठ फीसदी राशि ही दी गयी है। दिल्ली से सटे फरीदाबाद को मिलने चाहिए थे 2500 करोड़ रुपए लेकिन उसे दिए गए महज 196 करोड़ रुपए। चंडीगढ़ को 6800 करोड़ रुपये आवंटित किये जाने थे लेकिन इसको सिर्फ 296 करोड़ रुपये आवंटित कये गये।
प्रवक्ता ने कहा कि चौंकाने वाली बात यह है कि मोदी सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत कुछ शहरों को मात्र दो-दो करोड़ रुपए आवंटित किए गये। बिहार के चार शहरों को महज 1600 करोड़ रुपए आवंटित किये गये जबकि हल्दिया, गाजियाबाद, मेरठ, शिलांग अौर कई अन्य कई शहरों को स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत महज दो-दो करोड़ रुपये दिये गये हैं।