लुधियाना। रेप के एक मामले में भगौड़े पूर्व विधायक और लोक इंसाफ पार्टी के प्रमुख सिमरजीत सिंह बैंस ने सोमवार को अपने चार साथियों परमजीत सिंह पम्मा, प्रदीप शर्मा गोगी, बलजिंदर कौर और जसबीर कौर उर्फ भाभी के साथ लुधियाना की एक अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। अदालत ने पांचों आरोपियों को तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
इससे पहले कमिश्नरेट पुलिस ने इस मामले में बैंस के निजी सचिव सुखचैन सिंह और भाई कर्मजीत सिंह बैंस को गिरफ्तार किया था। आरोपी सुखचैन सिंह भी उन आरोपियों में शामिल था, जिन्हें अदालत ने भगोड़ा करार दिया था। पुलिस ने सुखचैन और कर्मजीत बैंस को दो दिन के रिमांड पर लिया था।
उल्लेखनीय है कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने इनकी अग्रिम जमानत याचिका रद्द कर दी थी। इतना ही नहीं, सुप्रीमकोर्ट से भी इन्हें कोई राहत नहीं मिली थी। करीब 44 साल की महिला ने आरोप लगाते हुए कहा था कि वह एक प्रॉपर्टी विवाद के सिलसिले में सिमरजीत सिंह बैंस के संपर्क में आई थीं, जिसके बाद विधायक ने उसकी आर्थिक कमजोरी का फायदा उठाया और उसकी मदद करने के बजाए उसके साथ दुष्कर्म किया।
महिला ने आरोप लगाया कि विधायक ने एक बार नहीं बल्कि कई बार उसके साथ घिनौनी हरकत की, जिसके बाद महिला ने परेशान होकर जुलाई 2021 में लुधियाना में बलात्कार का मामला दर्ज कराया था। महिला का आरोप है कि पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया।
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हरसिमरनजीत सिंह की अदालत के आदेश पर सात जुलाई 2021 को थाना डिवीजन नंबर छह की पुलिस ने बैंस और उनके साथियों के खिलाफ मामला दर्ज किया किया था। इसके बाद गिरफ्तारी को लेकर महिला पिछले काफी समय से पुलिस कमिश्नर दफ्तर के बाहर बैठी थी। सिमरजीत सिंह बैंस ने मामला दर्ज करने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन उसे रद्द कर दिया गया था।