धौलपुर। धौलपुर जिले के बसेड़ी थाना क्षेत्र के नगला दरवेशा गांव में विचित्र जीव मिलने से ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। गांव के पूर्व सरपंच विनोद के घर विचित्र जीव मिलने की सूचना पर भारी भीड़ जमा हो गई। विचित्र जानवर को देखते ही घबराए हुए लोगों ने वन विभाग की टीम को फोन किया।
गांव में पहुंची वन विभाग की टीम ने विचित्र जीव के पैंगोलिन होने की पुष्टि की। डेढ़ घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन कराने के बाद बसेडी वन विभाग की टीम ने पैंगोलिन को पकड़कर हिंगोटा नर्सरी में छोड़ दिया।
रेस्क्यू करने पहुंचे फॉरेस्टर गुलाब सिंह ने बताया कि विचित्र जानवर के गांव में पहली बार आने की सूचना पर उनकी टीम पहुंची। जिसके बाद टीम ने रेस्क्यू कर पैंगोलिन को हिंगोटा नर्सरी में भिजवा दिया जहां से डीएफओ के निर्देश पर उसे धौलपुर नर्सरी भिजवाया गया है।
मामले को लेकर जब डीएफओ से बात की गई तो धौलपुर के डीएफओ केसी मीना ने बताया कि पैंगोलिन एक अति दुर्लभ प्राणी है। तस्करों के रडार पर रहने वाला पैंगोलिन नमी वाले इलाको में पाया जाता है। धौलपुर के जंगलों में कई बार पैंगोलिन को देखा गया है। गांव में पैंगोलिन के पहुंचने के बाद उसे रेस्क्यू कर धौलपुर नर्सरी में छोड़ा गया है। जहां उसकी देखभाल की जाएगी।
डीएफओ के सी मीना ने बताया कि पैंगोलिन फोलिडोटा गण का एक स्तनधारी प्राणी है। इसके शरीर पर केराटिन के बने शल्कनुमा संरचना होती है। जिससे यह अन्य प्राणियों से अपनी रक्षा करता है। शर्मिला माने जाने वाला पैंगोलिन ऐसे शल्कों वाला अकेला ज्ञात स्तनधारी है। यह अफ़्रीका और एशिया में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है। इसे भारत में सल्लू सांप भी कहते हैं।
अंधविश्वासी प्रथाओं के कारण इनका अक्सर शिकार किया जाता है। जिसकी वजह से पैंगोलिन की सभी जातिया अब संकटग्रस्त मानी जाती हैं और उन सब पर विलुप्ति का ख़तरा मंडरा रहा है। उन्होंने बताया कि धौलपुर में कई बार इस अति दुर्लभ जीव को देखा गया है। जानकारों के अनुसार तस्करों द्वारा तस्करी करने के बाद पैंगोलिन को बड़ी कीमत पर बेचा जाता है