जयपुर। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक एवं नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा है कि किसानों के लिए उनकी बात नहीं सुनने पर किसान के सम्मान में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से नाता तोड़कर वह सड़क पर आए हैं और अब आगे की रणनीति पर विचार कर रहे हैं।
किसान आंदोलन के समर्थन में हरियाणा सीमा पर शाहजहांपुर बार्डर पर किसानों के पड़ाव में शामिल होने के बाद मीडिया से यह बात कही। उन्होंने किसानों के साथ ही शाहजहांपुर बॉर्डर पर टेंट में रात बिताई और कहा कि आज किसानों के साथ अगली रणनीति पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसान के सम्मान की बात पहले होनी चाहिए और उन्होंने किसान के सम्मान के लिए राजग का साथ छोड़ दिया हैं।
उन्होंने कहा कि राजस्थान का किसान भी देश के किसान आन्दोलन में साथ खड़ा है और किसान का मान और सम्मान ही हमारी सबसे बड़ी पूंजी है। बेनीवाल ने कहा कि राजग में रालोपा घटक दल होने के नाते उन्होंने किसानों के हित में नए कृषि कानूनों को वापस लेने एवं कृषक कल्याण की बात की लेकिन उनकी बात नहीं मानने के कारण उन्होंने राजग से अलग होने का फैसला किया और वह किसानों के साथ सड़क पर आए।
उन्होंने कहा कि अब आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा और उन्हें उम्मीद हैं कि आगे भी ठीक ही होगा। उन्होंने कहा कि अगर किसानों की जीत नहीं होती हैं तो सबसे मिलकर बात की जाएगी और आगे की योजना बनाई जाएगी।
दिल्ली कूच पर बेनीवाल ने कहा कि अवरोधक तोड़कर वे आगे बढ़ जाते, लेकिन वह हिंसा नहीं चाहते और शांतिपूर्ण आंदोलन चाहते हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर पड़ाव डाले बैठे सभी किसान भी यह ही चाहते हैं।
इससे पहले शनिवार रात को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी बेनीवाल से मिलने पड़ाव स्थल पहुंचे। इस दौरान उन्होंने बेनीवाल एवं किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट के साथ मिलकर किसान आंदोलन को मज़बूती के साथ आगे बढ़ाने की रणनीति पर चर्चा की एवं पूर्ण समर्थन का आश्वासन भी दिया
इस अवसर पर डूडी ने कहा कि जहां किसान हैं वहां कांग्रेस हैं। डूडी ने कहा कि शाहजहांपुर बॉर्डर पहुंचकर उन्होंने छोटे भाई हनुमान बेनीवाल को केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के ख़िलाफ़ राजग से नाता तोड़कर किसानों के हित में संघर्ष का रास्ता चुनने पर बधाई दी।