जयपुर। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी संघ का प्रसार करने की रणनीति पर अपना ध्यान फोकस कर रहा है।
राजस्थान के पांच दिवसीय प्रवास पर नागौर पहुंचे सरसंघचालक मोहन भागवत राजस्थान के तीनो प्रांतों के कार्यकर्ताओं से इस संबंध में संवाद कर रहे हैं। बताया जाता है कि अपने प्रवास के दौरान संघ प्रमुख कार्यकर्ताओं को सीधे गांवो और ढाणियों में अपनी पकड़ को मजबूत करने, गांवो में नए कार्यकर्ताओं का पता करके उनको संघ के साथ जोडने पर ज्यादा ध्यान दिए जाने पर ध्यान केंद्रित करने के प्रयास पर जोर दे रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार संघ की सोच है कि गांवों में बनने वाली हर छोटी मोटी समितियों में स्वयंसेवक किसी न किसी रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाएं। इसके साथ ही संघ के बनने वाले ग्रामीण कार्यकर्ता सामाजिक समरसता को बढाने में महत्ती भूमिका का निर्वहन करें।
भागवत ने अपने प्रवास के पहले दिन कल जोधपुर प्रांत के मंडल कार्यवाह अभ्यास वर्ग में कार्यकर्ताओं का आह्वान करते हुए कहा कि दैनिक शाखा पर संस्कार व संगठन से ही संस्कारित शक्ति का निर्माण होगा और यह कार्य ग्रामीण क्षेत्र में मंडल स्तर तक हो। उन्होंने शाखाओं के माध्यम से शाखाओं को सर्वस्पर्शी बनाते हुए संपूर्ण समाज को संगठित करने के लक्ष्य को अभ्यास वर्ग की बैठक में रखा।
आमतौर पर धारणा है कि देश में आरएसएस का प्रभाव शहरी क्षेत्रों में ही है और इसका ग्रामीण स्तर पर अधिक फैलाव नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी पहचान कायम करने और सीधे कार्यकर्ता बनाने के लिये संघ का बडा प्रयास माना जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान का नागौर जिला इससे पहले भी आरएसएस में नए बदलावों का साक्षी रहा है चाहे वह गणवेश बदलने का हो या अन्य गतिविधियों को संचालित करने संबंधी हो।