जयपुर। राजस्थान में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के समस्त लाभ भी अब जन आधार राशनकार्ड के माध्यम से दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा वर्ष 2020-21 के अनुसार ये लाभ अब जनआधार राशनकार्ड के जरिए दिए जाएंगे। इससे जहां बार-बार राशनकार्ड का छपवाना बन्द होगा वहीं प्रदेशवासियों को पुस्तकरूपी राशनकार्ड को सम्भालने से भी छुटकारा मिलेगा।
अर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के निदेशक डॉ. ओम प्रकाश बैरवा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने जन आधार योजनाओं को लागू करते हुए कहा था कि इसका मूल उदेश्य एक नम्बर, एक कार्ड, एवं पहचान होगा।
अब जनआधार कार्ड को राशनकार्ड के रूप में उपयोग करने और पुस्तकरूपी राशनकार्ड को समाप्त करने का यह सपना मूर्त रूप लेते हुए दिखाई दे रहा है। इस कार्य को प्रदेश के तीन विभाग आयोजना विभाग, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग और सूचना प्रोद्यौगिकी एवं संचार विभाग मिलकर अंजाम दे रहे हैं।
उन्होंने बताया कि तीनों विभागों के समन्वय और आयोजना तथा खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभागों के शासन सचिव नवीन जैन के प्रयासों से प्रदेश में सभी खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के राशन कार्डधारी परिवारों की जनआधार की सूचनाओं का राशनकार्ड की सूचनाओं से मिलान का कार्य एक अभियान के तौर पर चरणबद्ध रूप से चलाया जा रहा है।
इस अभियान में तीनों विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अतिरिक्त राशन डीलरों एवं ई-मित्र कियोस्क धारकों का भी पूरा सहयोग मिल रहा है। डॉ. बैरवा ने बताया कि चार चरणों के इस अभियान का तृतीय चरण लगभग पूरा होने वाला है और इस चरण में अजमेर जिला लगभग 95 प्रतिशत प्रगति के साथ राज्य स्तरीय प्रगति (लगभग 91 प्रतिशत) से भी आगे चल रहा है।
अगले चतुर्थ चरण की तैयारियां भी जोर-शोर से जारी हैं। अन्य जिलों में नागौर और कोटा में तो तृतीय चरण लगभग पूर्ण हो चुका है और जैसलमेर और धौलपुर जिलों के लिए तो तृतीय चरण ही अंतिम चरण है।
उन्होंने बताया कि चतुर्थ और अन्तिम चरण जिसमें राज्य के शेष सभी क्षेत्रों को कवर किया जा रहा है जो एक अक्टूबर से प्रारम्भ किया जा रहा है। इस चरण के तहत आने वाले राशन डीलरों का प्रशिक्षण प्रगतिरत है और अन्य समस्त प्रारम्भिक तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। इस चरण के पूर्ण होने पर सभी एनएफएसए राशन कार्डधारी परिवारों को जन आधार कार्ड से ही बजट घोषणा के अनुसार राशन भी मिलने लगेगा।