नयी दिल्ली । सरकार ने राज्यसभा में नव साम्राज्यवाद के चुंगल में फंसने की आशंकाओं को खारिज करते हुए शुक्रवार को कहा कि भारत अपने नागरिकों की हितों की रक्षा करने में किसी भी बहुराष्ट्रीय कंपनी के समक्ष नहीं झुकेगा।
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने सदन में एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि सरकार सूचना प्रौद्योगिकी की महाशक्ति है और नागरिकों के किसी भी डाटा की रक्षा करने में पूरी तरह से सक्षम है। उन्होेंने कहा कि जब भी किसी बहुर्राष्ट्रीय कंपनी के खिलाफ शिकायत मिली है तो उस पर कार्रवाई की गयी है।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया की कंपनी फेसबुक के खिलाफ डाटा स्थानांतरण की जानकारी मिली थी जिसपर कंपनी ने माफी मांगी है आैर डाटा संरक्षण के कदम उठायें हैं। इसके अलावा हाल में अफवाहें रोकने के लिए व्हाटस्ऐप ने फारवर्ड संदेशों की संख्या पांच तक सीमित की है। सर्च इंजन गूूगल के अधिकारियों को भी तलब किया गया था।
प्रसाद ने कहा कि सरकार डाटा संरक्षण की दिशा में काम कर रही है और जल्दी इससे संबंधित विधेयक संसद में लाया जाएगा। इसके अलावा जल्दी ही डाटा संरक्षण के दिशा निर्देश भी जारी किये जाएगें। उन्होंने बताया कि एक लाख रुपये से ज्यादा के हस्तांतरण की सूचना संबंधित कंपनी या बैंक को भारतीय रिजर्व बैंक के साथ साझा करने का प्रावधान है लेकिन अब प्रत्येक हस्तांतरण की सूचना आरबीआई काे देने पर विचार किया जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने लिखित उत्तर में बताया कि सरकार ने साइबर हमलों से निपटने के लिये सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किये हैं आैर डिजीटल लेन देन सुरक्षित बनाने के लिये 28 परामर्श जारी किये गये हैं। उन्होेंने बताया कि डिजीटल लेन देन में धोखाबाजी से संबंधित मामलों से निपटने के लिये पुलिस को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अलावा संबंधित मामलों की सुनवाई के लिय न्यायाधीशों को भी प्रशिक्षित करने का विचार है।