मुंबई। भारतीय टीम के फिर से कोच बनाए गए रवि शास्त्री ने कपिल देव की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय चयन समिति को 20 मिनट में ऐसा प्रभावित कर दिया कि समिति ने उन्हें अगले दो साल के लिए कोच चुन लिया।
भारतीय कोच पद की होड़ में रवि शास्त्री के अलावा माइक हेसन, टॉम मूडी, रॉबिन सिंह और लाल चंद राजपूत शामिल थे। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के मुख्यालय में चयन समिति के साथ साक्षात्कार की प्रक्रिया सुबह शुरु हुई और सबसे पहले पूर्व भारतीय ऑलराउंड रॉबिन ने अपना साक्षात्कार दिया।
इसके बाद मुंबई के पूर्व कप्तान और 2007 के ट्वंटी-20 विश्वकप में भारत की खिताबी जीत के समय मैनेजर रहे राजपूत ने अपना साक्षात्कार दिया। पूर्व ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर मूडी ने ऑस्ट्रेलिया से स्काइप के जरिए अपना साक्षात्कार दिया। न्यूजीलैंड के पूर्व कोच हेसन इंटरव्यू देने के लिए खुद मौजूद थे। शास्त्री ने सबसे आखिर में वेस्टइंडीज से स्काइप के जरिए अपना प्रेजेंटेशन रखा।
कपिल देव, अंशुमन गायकवाड और शांता रंगास्वामी की तीन सदस्यीय चयन समिति ने सभी का प्रेजेंटेशन देखने के बाद शास्त्री को कोच पद के लिए चुन लिया। .
शास्त्री ने चयन समिति के सामने लगभग 20 मिनट तक अपनी बात रखी जिसमें उन्होंने बताया कि जब पिछली बार उन्होंने 2017 में अनिल कुंबले की जगह टीम का प्रभार संभाला था तब टीम कैसी थी और दो साल के उनके मार्गदर्शन में टीम ने क्या उपलब्धियां हासिल कीं। चयन समिति के एक सदस्य के मुताबिक शास्त्री अपने प्रेजेंटेशन में पूरी तरह स्पष्ट, सटीक और भविष्य को लेकर तैयार थे।
शास्त्री के लिए उनके 2021 तक के कार्यकाल में दो ट्वंटी-20 विश्वकप सबसे बड़ी चुनौती होंगे। पहला विश्वकप 2020 में ऑस्ट्रेलिया में और दूसरा विश्वकप 2021 में भारत में होगा। शास्त्री 2016 में जब टीम निदेशक थे तब भारत अपनी मेजबानी में सेमीफाइनल तक पहुंचा था। हालांकि शास्त्री के पास हेसन मूडी और रॉबिन की तरह किसी ट्वंटी-20 फ्रेंचाइजी टीम को कोचिंग देने का कोई अनुभव नहीं है लेकिन टीम के साथ उनका तालमेल जबरदस्त है।
हेसन, मूडी और रॉबिन तीनों के पास घरेलू टी-20 टूर्नामेंटों में कोचिंग का लंबा अनुभव है लेकिन एक अगस्त से शुरु हो गई विश्व टेस्ट चैंपियनशिप और मई 2020 में शुरु होने वाली वनडे लीग को देखते हुए चयन समिति ऐसा कोच रखना चाहती थी जो तीनों ही फॉर्मेट में टीम का मार्गदर्शन कर सके। शास्त्री इस मामले में बाकी तीनों पर बाजी मार ले गए।
चयन समिति हेसन, मूडी और रॉबिन के प्रेजेंटेशन से प्रभावित तो थी लेकिन उसका महसूस करना था कि इन तीनों ने पिछले कुछ समय में किसी भी अंतर्राष्ट्रीय टीम को कोच नहीं किया है और वे ज्यादातर दुनियाभर में टी-20 लीग से जुड़े रह रहे हैं।
चयन समिति ने शास्त्री से कुछ मुश्किल सवाल भी पूछे जिसमें भारत का किसी विश्व टूर्नामेंट को ना जीत पाना और किसी मुश्किल सीरीज को ना जीत पाना भी शामिल था। शास्त्री ने इन परिणामों पर बताया कि किन क्षेत्रों में टीम थोड़ा पिछड़ी रही और उनके पास इसका क्या हल है।
शास्त्री ने चयन समिति के सदस्यों को ड्रेसिंग रुम का माहौल देखने के लिए भी आमंत्रित किया। उन्होंने बताया कि ड्रेसिंग रुम में कप्तान अपना काम करता है और एक मुख्य कोच के तौर पर उन्हें जहां जरुरी होता है वह ना केवल कप्तान बल्कि टीम के सभी सदस्यों के साथ चर्चा करते हैं।