नई दिल्ली। भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन पहली बार जब तमिलनाडु के कप्तान बने थे तो उनकी उम्र मात्र 20 साल थी और उन्होंने अपनी टीम को विजय हज़ारे चैंपियन बनाया था। आज 31 साल के अश्विन आईपीएल में पहली बार किंग्स इलेवन पंजाब टीम की कप्तानी संभाल रहे हैं और उनका एकमात्र लक्ष्य अपनी टीम को चैंपियन बनाना है।
अश्विन ने अपनी टीम किंग्स इलेवन पंजाब के मंगलवार को यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में टीम के मेंटर और निदेशक क्रिकेट संचालन वीरेंद्र सहवाग की मौजूदगी में कहा कि 2007 में जब मैंने तमिलनाडु की कप्तानी संभाली थी तो मैं मात्र 20 साल का था। मैंने अपनी टीम को तब विजय हजारे चैंपियन बनाया था। यहां मैं आईपीएल टीम का कप्तान हूं। मैंने कभी ट्वंटी 20 टीम की कप्तानी नहीं की है और मुझे पूरी उम्मीद है कि हम इस बार चैंपियन बनेंगे।
आठ साल तक चेन्नई सुपरकिंग्स में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में खेलने वाले अश्विन ने अपनी नयी जिम्मेवारी पर कहा कि मैं बहुत सारे कप्तानों के साथ खेला हूं। वीरू पाजी और धोनी की कप्तानी में भी खेला हूं। मैं इन सभी कप्तानों के गुण लेकर आईपीएल में आगे बढूंगा।
ऑफ स्पिनर ने कहा कि कप्तानी के साथ जिम्मेदारी भी आती है और जब जिम्मेदारी आती है तो आप दबाव से निपटना सीख जाते हैं। हमारेे पास कई अच्छे खिलाड़ी हैं और मेरी पूरी कोशिश रहेगी कि अगले दो-तीन साल में पंजाब को हम एक मजबूत टीम बना दें।
चेन्नई के अश्विन से उत्तर भारत के प्रशंसकों को जोड़ने के सवाल पर अश्विन ने हंसते हुए कहा कि मेरी पहली चैलेंजर सीरीज में मेरे कप्तान उत्तर के युवराज सिंह थे। मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा। मैं वीरू की कप्तानी में भी खेला। इन दोनों जबरदस्त खिलाड़ियों के साथ जो कुछ देखने को मिला उसी की बदौलत मैं आज यहां हूं।
आईपीएल को भारत की सीमित ओवरों की टीम में वापसी की तरह देखे जाने के बारे में अश्विन ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मैं आईपीएल को सीमित ओवरों में वापसी के तौर पर नहीं देख रहा हूं। मेरा लक्ष्य सिर्फ अच्छा प्रदर्शन करना है। अपने खिलाड़ियों से अच्छा प्रदर्शन करवाना है और टीम को चैंपियन बनाना है।
अश्विन पिछले जुलाई से भारत की वनडे और ट्वंटी 20 टीमों से बाहर हैं और सिर्फ टेस्ट मैच खेल रहे हैं। अश्विन को उनकी पुरानी टीम चेन्नई ने आईपीएल नीलामी में नहीं खरीदा था। अश्विन को पंजाब की टीम ने आईपीएल नीलामी में 7.6 करोड़ रूपए में खरीदा था। टीम के मेंटर सहवाग ने ही अश्विन को कप्तान बनाने का फैसला किया था जबकि टीम ने युवराज जैसे पुराने धुरंधर खिलाड़ी मौजूद हैं।