नई दिल्ली। भारतीय टीम के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज किरण मोरे ने विश्वकप विजेता टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की तारीफ करते हुए कहा है कि उनकी गैरमौजूदगी से टीम के स्पिनरों खासकर रवींद्र जडेजा और कुलदीप यादव का प्रदर्शन प्रभावित हुआ है और उनकी गेंदबाजी की धार कम हुई है।
ऑस्ट्रेलिया दौरे में एकदिवसीय सीरीज और टी-20 सीरीज में भारतीय स्पिनर संघर्ष करते नजर आए। कुलदीप यादव, रवींद्र जडेजा, युजवेंद्र चहल की गेंदों पर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने एकदिवसीय सीरीज में खूब रन बनाए।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एकदिवसीय सीरीज में कुलदीप यादव ने एक विकेट लिया, जडेजा को तीन एकदिवसीय मैचों में 180 रन देकर केवल एक विकेट मिला जबकि युजवेंद्र भी दो एकदिवसीय मैचों में 160 रन लुटाकर केवल एक विकेट हासिल कर पाए। भारतीय टीम को यह सीरीज ऑस्ट्रेलिया के हाथों 1-2 से गंवानी पड़ी।
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कोच डब्ल्यू वी रमन से पॉडकास्ट इनसाइड ऑउट में बातचीत करते हुए मोरे ने कहा कि धोनी के नहीं होने से जडेजा और कुलदीप पहले जैसे घातक नहीं रहे। भारतीय स्पिनर धोनी की गैरमौजूदगी में संघर्ष कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि धोनी अपने समय में गेंदबाजों को लगातार सलाह देते रहे। वह विकेट के पीछे से गेंदबाजों को ज्यादातर समय हिंदी में बताते रहे कि गेंद किस लाइन पर डालनी है। यह काम उन्होंने लगातार 10-12 वर्षों तक किया। धोनी के समय विराट डीप मिडविकेट पर खड़े हो सकते थे लेकिन अब उन्हें गेंदबाजों से सलाह मशविरा करने के लिए शॉर्ट एक्स्ट्रा कवर या मिड ऑफ पर खड़ा होना पड़ता है।
धोनी के पर्दापण के समय टीम इंडिया के मुख्य चयनकर्ता रहे किरण मोरे ने उनकी तारीफों के पुल बांंधते हुए कहा कि धोनी के बाद से ही दुनिया की बाकी टीमों ने भी एक कप्तान के रूप में विकेटकीपर बल्लेबाज की तलाश शुरू कर दी।
उन्होंने कहा कि अब दूसरा धोनी ढूंढ़ पाना बहुत मुश्किल है। अगर आप पाकिस्तान, इंग्लैंड या दक्षिण अफ्रीका की टीमें देखें तो वहां विकेटकीपर बल्लेबाज को कप्तान बनाने की कवायद चल रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि इन टीमों ने इसके फायदे देखे हैं।
बड़ोदरा से आने वाले किरण मोरे ने उन दिनों को याद किया जब राहुल द्रविड़ को विकेटकीपिंग से राहत देने के लिए धोनी को टीम में शामिल किया गया था। उन्होंने कहा कि उस समय की स्थिति ऐसी थी कि राहुल द्रविड़ पहले ही 75 एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके थे। इसलिए हम एक विकेटकीपर बल्लेबाज की तलाश कर रहे थे, जो गेंद पर नजर रख सके ताकि हम राहुल को राहत दे सकें।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से धोनी ने खेल को परखा, निश्चित रूप से उनमें कुछ खास था। हमने उन्हें केन्या के खिलाफ मैच के लिए भारत ए टीम में चुना था। यह दौरा उनके लिए अच्छा साबित हुआ और उन्होंने इस दौरे में 600 से अधिक रन बनाए। हमारे पास पहले से ही सहवाग, युवराज सिंह जैसे खिलाड़ी थे, लेकिन जब धोनी आए, तो हमें एक पूरा पैकेज मिल गया जो भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर ले गया।