मुंबई। ग्रामीण इलाकों में कोविड-19 का संक्रमण फैलने से चिंतित रिजर्व बैंक आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के विकास अनुमान में एक प्रतिशत की कटौती की है।
केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति की आज समाप्त तीन दिवसीय बैठक के बाद जारी बयान में वित्त वर्ष 2021-22 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है। इससे पहले अप्रैल की बैठक के बाद आरबीआई ने कहा था कि 2021-22 में विकास दर 10.5 प्रतिशत रहेगी।
कोविड-19 की दूसरी लहर के मद्देनजर पहली तिमाही के विकास अनुमान में बड़ी कटौती की गई है। इसे 26.2 प्रतिशत से घटाकर 18.5 प्रतिशत कर दिया गया है। जुलाई-सितंबर की दूसरी तिमाही का जीडीपी विकास अनुमान भी 8.3 प्रतिशत से घटाकर 7.9 प्रतिशत किया गया है।
बयान में कहा गया है कि ग्रामीण मांग मजबूत बनी हुई है और सामान्य मानसून के पूर्वानुमान से इसके मजबूत बने रहने के संकेत मिलते हैं। वहीं, ग्रामीण इलाकों में कोविड-19 का संक्रमण फैलने से विकास दर में गिरावट की आशंका है।
टीकाकरण तेज होने के साथ आर्थिक गतिविधियों के सामान्य होने की उम्मीद में तीसरी और चौथी तिमाही के अनुमानों में वृद्धि की गई है। तीसरी तिमाही के लिए विकास दर का अनुमान 5.4 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.2 प्रतिशत और चौथी तिमाही के लिए 5.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.6 प्रतिशत किया गया है।
केंद्रीय बैंक ने उम्मीद जताई है कि आने वाले महीनों में टीकाकरण तेज होगा जिससे आर्थिक गतिविधियां जल्दी सामान्य होंगी। वैश्विक स्तर पर आर्थिक मजबूती से निर्यात को गति मिलेगी।
आरबीआई के अनुसार महामारी की दूसरी लहर के कारण शहरी क्षेत्र से मांग में कमी आई है, लेकिन कारोबारी इस माहौल के अनुसार खुद को ढाल रहे हैं जिससे आर्थिक गतिविधियों पर दुष्प्रभाव कम रहने की संभावना है, खासकर विनिर्माण और ऐसे सेवा क्षेत्रों में जहां संक्रमण की आशंका कम होती है।