नई दिल्ली। मंदी की आहट के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने केंद्र की मोदी सरकार के खजाना खोला है। जी हाँ, आरबीआई केंद्र सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुपये देगी। रिजर्व बैंक के सेंट्रल बोर्ड ने बिमल जालान कमिटी की सिफारिशें मंजूर कर ली गई है। इससे नरेंद्र मोदी सरकार को राजकोषीय घाटा बढ़ाये बिना सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने में मदद मिलेगी।
आरबीआई ने एक बयान में कहा कि ‘बोर्ड ने मोदी सरकार को 1,76,051 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने का फैसला किया है, जिसमें से 1,23,414 करोड़ रुपये की सरप्लस राशि 2018-19 के लिए होगी। इसके अलावा संशोधित आर्थिक पूंजी ढांचे के मुताबिक अतिरिक्त प्रावधानों के तहत 52,637 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।’
वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार के लिये पिछले सप्ताह अलग-अलग कदमों की घोषणा की। हालांकि, सरकार के प्रयासों से राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3.3 प्रतिशत पर सीमित रखने की है। इससे पहले आरबीआई के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल और सरकार के बीच आरबीआई में अधिशेष राशि की सीमा तय करने को लेकर गतिरोध की स्थिति बन गयी थी। लेकिन समिति के गठन से पहले ही पटेल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और पूर्व आर्थिक सचिव शशिकांत दास को नया आरबीआई गवर्नर नियुक्त किया गया।