मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने महंगाई के लक्षित दायरे में रहने के मद्देनजर वर्तमान वृहद आर्थिक परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए नीतिगत दरों में एक चौथाई फीसदी की कटौती कर दी है जिससे आवास, वाहन और व्यक्तिगत ऋण के सस्ते होने की उम्मीद बनी है।
समिति की चालू वित्त वर्ष की छठी तथा आखिरी द्विमासिक बैठक के बाद यहाँ जारी बयान में रिजर्व बैंक ने कहा कि यह कटौती तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। इसके बाद रेपो दर 6.50 प्रतिशत से घटकर 6.25 प्रतिशत, रिवर्स रेपो दर 6.25 प्रतिशत से घटकर 6.0 प्रतिशत, बैंक दर 6.75 प्रतिशत से घटकर 6.50 प्रतिशत और मार्जिनल स्टैंडिंग फसिलिटी (एमएसएफ) 6.75 प्रतिशत से कम होकर 6.50 प्रतिशत हो गई है।
तीन दिवसीय बैठक के बाद केन्द्रीय बैंक ने कहा कि इस कटौती से जहाँ उपभोक्ता सूूचकांक आधारित खुदरा महंगाई की दर चार प्रतिशत के दायरे में रखने में मदद मिलेगी वहीं विकास को भी बल मिलेगा।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांता दास के कार्यभार संभालने के बाद मौद्रिक नीति समिति की यह पहली बैठक थी और इसमें नीतिगत दरों में कमी की गई है। उर्जित पटेल के इस पद पर रहने के दौरान चालू वित्त वर्ष में समिति की दूसरी द्विमासिक बैठक और तीसरी द्विमासिक बैठक में रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की दो बार बढ़ोतरी की गई थी। चालू वित्त वर्ष में पहली बार नीतिगत दरों में कटौती की गई है।