नयी दिल्ली । रिजर्व बैंक (आरबीआई) नीतिगत दरों में इस महीने के आरंभ में उसके द्वारा की गयी कटौती का लाभ ग्राहकों को देने के लिए बैंकों से कहेगा।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांता दास ने सोमवार को यहाँ कहा कि ब्याज दरों में कटौती का लाभ ग्राहकों को देना महत्त्वपूर्ण है और केंद्रीय बैंक इस सप्ताह वाणिज्यिक बैंक प्रमुखों के साथ होने वाली बैठक में उनसे ऐसा करने के लिए कहेगा। बजट के बाद रिजर्व बैंक के बोर्ड की यहाँ क्षेत्रीय कार्यालय में जारी बैठक के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देने के क्रम में एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने यह बात कही। उनसे पूछा गया था कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति द्वारा चालू वित्त वर्ष की अंतिम समीक्षा में नीतिगत दरों में की गयी 0.25 प्रतिशत की कटौती का पूरा लाभ बैंकों ने ग्राहकों को नहीं दिया है।
दास ने कहा “यह महत्त्वपूर्ण है कि ब्याज दरों में कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुँचे। हम 21 फरवरी को बैंक प्रमुखों के साथ बैठक कर रहे हैं। उसमें हम इस मुद्दे पर भी बात करेंगे।” बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली भी शामिल हुये। बैंकों के विलय की भविष्य की योजनाओं पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक और उसके सहयोगी बैंकों का विलय हो चुका है। दूसरा विलय (विजया बैंक और देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में) प्रक्रियाधीन है। हमारे अनुभव कहते हैं कि देश में कम संख्या में, लेकिन बड़े बैंकों की जरूरत है।
रिजर्व बैंक द्वारा सरकार को लाभांश के मुद्दे पर जेटली ने कहा कि इसका फैसला पूरी तरह आरबीआई के बोर्ड को करना है। सूत्रों ने बताया कि बोर्ड की बैठक में आज शाम तक लाभांश पर कोई फैसला हो जायेगा।