कोरोना वायरस के चलते सोशल मीडिया पर कई प्रकार की अफवाहें भी चल रही हैं। जिसकी वजह से कई लोग इसे सच मान बैठे हैं और गलतफहमी में आकर इस तरह की अफवाहों को आगे से आगे शेयर करते चले जा रहे हैं और जाने अनजाने में एक जुर्म का हिस्सा बनते जा रहे हैं।
आपको बता दें कोरोनावायरस बहुत ही घातक हो चुका है और इसके चलते सोशल मीडिया पर कई प्रकार की अफवाह भी चल रही है कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने कोरोनावायरस को अफवाह का दूसरा नाम भी दे दिया है।
कई लोग इसके चलते या तो उसका मजाक बनाते हैं या उसके चलते लोगों को बिना वजह के डराते हैं आज हम आपको इसी प्रकार की अफवाओं के बारे में कुछ जानकारी देंगे जिससे आपको यह पता चल जाएगा कि कोरोनावायरस कि किस प्रकार की अफवाह अभी चल रही है और उनमें से क्या सही है और क्या गलत है और उनके पीछे कि आखिर असलियत क्या है।
कोरोना वायरस की 10 झूठी खबरों से सावधान –
1- कई लाशों वाली इटली शहर की तस्वीर।
सच – एक फिल्म कांटेजिअन का सीन है।
2- 498/- का जिओ का फ्री रीचार्ज।
सच – कंपनी ने ऐसा कोई दावा नहीं किया है।
3- कई लोग जमीन पर पडे सहायता के लिए चिल्ला रहे हैं।
सच – वर्ष 2014 के एक आर्ट प्रोजेक्ट की तस्वीर है।
4- डॉ रमेश गुप्ता की किताब जंतु विज्ञान में कोरोना का इलाज है।
सच – नहीं है।
5- मेदांता हास्पिटल के डाॅ नरेश त्रेहान की नेशनल इमर्जेंसी की अपील।
सच – डॉ त्रेहान ने कोई अपील नहीं की।
6- एक कपल की तस्वीर जो 134 पीड़ितों का इलाज करने के बाद संक्रमण का शिकार हो गए।
सच – तस्वीर किसी डॉक्टर कपल की नहीं है। एयरपोर्ट पर एक जोड़े की है।
7- कोविड 19 कोरोना की दवा।
सच – यह दवा नहीं, जांँच किट है।
8- कोरोना वायरस का जीवन 12 घंटे तक।
सच – 3 घंटे से 9 दिन तक।
9- रूस में 500 शेर सड़कों पर।
सच – एक फिल्म का सीन है।
10- इटली की ताबूत वाली तस्वीर।
सच – यह 7 वर्ष पुराने एक हादसे की तस्वीर है, कोरोना से इसका कोई संबंध नहीं है।
झूठी अफवाहों के बहकावे में आकर गुनहगार न बने।