जयपुर। बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं दीनदयाल वाहिनी के प्रदेशाध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी के नेतृत्व में वाहिनी के प्रदेश प्रतिनिधि मंडल ने शुक्रवार को राजभवन पहुंचकर राज्यपाल कल्याण सिंह को ज्ञापन सौंपा और मुख्यमंत्री से बंगला नंबर 13 तत्काल खाली कराए जाने की मांग की।
उन्होंने कहा सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार के कानून को असंवैधानिक बताते हुए रद्द किया और कहा कि यह विधेयक समानता के मौलिक अधिकार के खिलाफ है और मनमाना है। तिवाड़ी ने बताया कि राज्यपाल ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय जो उत्तर प्रदेश में लागू हुआ है वह संपूर्ण देश में लागू होता है। इसीलिए उन्होंने खुद पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से यूपी में प्राप्त सरकारी बंगला खाली कर दिया है।
तिवाड़ी ने कहा, ‘राजस्थान की मुख्यमंत्री ने विषेधाधिकार का दुरूपयोग करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री के नाते बंगला नंबर 13 व मुख्यमंत्री के नाते बंगला नंबर 8 पर कब्जा जमा रखा है। उसे तुरंत खाली करके सरकार को सौंपना चाहिए।’
तिवाड़ी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की अनुपालना में उत्तर प्रदेश राज्य सरकार द्वारा भूतपूर्व मुख्यमंत्रियों के राजकीय आवासों को खाली कराए जाने के नोटिस जारी किए थे। जिसके बाद सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों ने सरकारी बंगले खाली कर दिए हैं। तिवाड़ी ने कहा कि जब एक राज्य का मंत्री वेतन विधेयक असंवैधानिक है तो दूसरे राज्य का वहीं विधेयक संवैधानिक कैसे हो सकता है।
जागीरदारी के रूप में मुख्यमंत्री ने बंगला नंबर 13 अपने पास रख रखा है, वहीं प्रिवीपर्स के तौर पर बंगला नंबर 8 को 4 करोड़ रूपए प्रतिवर्ष सरकार के खजाने के रूप में उनके पास रहेगा। यह 4 करोड़ का बोझ जनता पर पड़ेगा। उन्होंने राज्यपाल को बंगला नंबर 8 के रख रखाव के खर्चों व बंगला नंबर 13 में पिछले 4 सालों में अपनी सुख सुविधाओं के लिए राजकोष से किए गए व्यय की उच्च स्तरीय जांच करवाकर मुख्यमंत्री से व्यक्तिगत वसूली की जाने की मांग भी की।
तिवाड़ी ने कहा कि बंगला नम्बर 13 में जबसे मुख्यमंत्री निवास कर रही हैं तब से अब तक का वर्तमान बाजार दर पर नियमानुसार किराये का सार्वजनिक निर्माण विभाग से मूल्यांकन करवाया जाए तथा इससे होने वाली किराया राशि की मुख्यमंत्री से वसूली की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि ‘बंगला नं 13 जो कि एक राजकीय आवास है, उसका नाम ‘अनंत विजय’ किस आधार पर रखा गया, इसकी भी जांच होनी चाहिए। तिवाड़ी ने कहा कि यदि इसके बावजूद भी बंगला नंबर 13 खाली नहीं किया जाता है तो वाहिनी के कार्यकर्ता प्रदेश भर में आंदोलन को तेज करेंगे। मुख्यमंत्री को बंगला नंबर 13 खाली करने के लिए मजबूर कर देंगे साथ ही अब तक किए गए व्यय की वसूली व्यक्तिगत रूप से की जाएगी।
राज्यपाल को ज्ञापन देते समय दीनदयाल वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष तिवाड़ी के साथ वाहिनी के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अशोक यादव, विमल अग्रवाल, विष्णु जायसवाल, घनश्याम मंत्री, भंवर सराधना, राजेश अजमेरा, आशीष तिवाड़ी, अंकित शर्मा, नरेंद्र भोजक, दिलीप महरौली, आनंद सिंह राठौड, आशीष क्रांतिकारी, शैलेन्द्र माथुर, अशोक सालोदिया और प्रदीप मोटवानी समेत अनेकों कार्यकर्ता मौजूद थे।