सिरसा। हरियाणा में सिरसा से पूर्व सांसद और हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर ने जननायक जनता पार्टी से हाथ मिलाने के साथ ही राजनीति में आज अपनी दूसरी पारी शुरू की और इसके साथ ही उनके अब कांग्रेस में पुन: लौटने की सम्भावनाओं पर भी फिलहाल विराम लग गया।
डा. तंवर ने प्रदेश कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन होने और कमान कुमारी सैलजा के हाथों में जाने तथा विधानसभा में टिकटों के वितरण में उनकी उपेक्षा होने पर हाल ही में पार्टी को अलविदा कह दिया था। उन्होंने कांग्रेस से अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की थी।
उन्होंने अखिल भारतिय युवक कांग्रेस अध्यक्ष पद पर रहते हुए वर्ष 2009 में सिरसा से लोकसभा का पहला चुनाव लड़ा और विजयी रहे थे। वह कांग्रेस में राहुल गांधी के खास लोगों में से समझे जाते थे। वर्ष 2014 में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष की कमान सम्भालने के बाद पार्टी को उसी वर्ष लोकसभा और विधानसभा चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ा था। उनके ही नेतृत्व में वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों में भी कांग्रेस की करारी शिकस्त हुई। वह स्वयं भी सिरसा बड़े अंतर से लोकसभा चुनाव हारे।
कांग्रेस को अदविदा कहने के बाद डा. तंवर के समक्ष सक्रिय राजनीति में बने रहने का एक बड़ा संकट बना हुआ था और वह इसकी तलाश में थे। ऐसे में उन्होंने जजपा की पेशकश स्वीकार कर उसके हाथ मिला लिया है।
विधानसभा चुनाव के लिये अब जबकि पांच दिन ही शेष बचे हैं ऐसे में लेकिन देखना यह है कि पाला बदलने से प्रदेश में राजनीतिक समीकरण बदलने में कहां तक सफल होंगे। वहीं जजपा उन्हें साथ लेकर प्रदेश की राजनीति में दलित वोट बैंक में अपनी पैठ बनाने की जुगत में है लेकिन उसका यह प्रयास कहां तक सफल रहता है यह वक्त बताएगा।