जयपुर। रुक्टा (राष्ट्रीय) ने माननीय मुख्य मन्त्री राजस्थान सरकार से राजकीय महाविद्यालय थानागाजी परीक्षा केन्द्र में रीट परीक्षा 2021 के दौरान अमर्यादित और अवैधानिक आचरण के लिए उपखण्ड अधिकारी थानागाजी डॉ. नवनीत कुमार, तहसीलदार अक्षय प्रेम चेयरवाल, पुलिसकर्मी राजेन्द्र प्रसाद एवं अनियमितता में शामिल कार्मिकों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही करने एवं भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने की मांग की है।
संगठन के महामन्त्री डॉ. सुशील कुमार बिस्सु ने बताया कि स्थानीय इकाई से सूचना प्राप्त हुई है कि 26 सितंबर 2021 रविवार को राजकीय महाविद्यालय थानागाजी परीक्षा केन्द्र पर रीट परीक्षा 2021 दोनों पारी में आयोजित हुई थी, जिसमें परीक्षार्थियों के लिए प्रथम पारी में सुबह 9.30 बजे तक तथा सायंकालीन द्वितीय पारी में अपराह्न 2 बजे तक ही प्रवेश की अन्तिम समय सीमा निर्धारित थी।
इसके बावजूद उपखण्ड अधिकारी थानागाजी डॉ. नवनीत कुमार ने दोनों ही पारियों में निर्धारित अन्तिम समय सीमा के बाद आने वाले कतिपय परीक्षार्थियों को प्रवेश दिलाने के लिए पुलिस की सहायता से अवैधानिक दबाब बनाते हुए अभद्र भाषा में धमकी दी।
केन्द्राधीक्षक एवं अतिरिक्त केन्द्राधीक्षक ने उनको सरकार के नियमों और निर्देशों की स्पष्ट जानकारी देते हुए ऐसा करने से मना किया तो उपखण्ड अधिकारी डॉ. नवनीत कुमार ने उनके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए अमर्यादित व्यवहार करना शुरू कर दिया तथा जोर जोर से चिल्ला कर देख लेने की धमकी दी।
परीक्षा केन्द्र में सरकार के निर्देशानुसार मोबाइल के पूर्ण प्रतिबन्ध होने के बाबजूद उपखण्ड अधिकारी के साथ आए तहसीलदार व अन्य कार्मिकों ने मोबाइल से वीडियो रिकाॅर्डिंग की तथा उपखण्ड अधिकारी ने दुर्भावना पूर्वक दो परीक्षा कक्षों में कर्तव्यस्थ सभी चारों वीक्षकों को एक साथ परीक्षा कक्ष के बाहर बुलाकर उनकी तलाशी ली।
जब केन्द्राधीक्षक ने उनके अभद्र और अवैधानिक आचरण का का समर्थन नही किया तो उपखण्ड अधिकारी ने तहसीलदार व पुलिसकर्मियों के सामने ही अभद्र व्यवहार करते हुए अतिरिक्त केन्द्र अधीक्षक डॉ. कन्हैया लाल मीना को गिरफ्तार करने की अभद्र भाषा में धमकी दी।
उन्हीं के निर्देश पर परीक्षा केन्द्र पर परीक्षा ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी राजेन्द्र प्रसाद ने अतिरिक्त केन्द्राधीक्षक डॉ. कन्हैया लाल मीना की कॉलर पकड़ कर गाड़ी में जबरदस्ती बैठाने का प्रयास किया और बिलम्ब से आने वाले परीक्षार्थियों के सामने ही अतिरिक्त केन्द्राधीक्षक पर यह कह कर दबाब बनाया कि प्रवेश दो नहीं तो यह आत्महत्या कर लेगा, इस तरह अपरोक्ष रूप से परीक्षार्थियों को उकसाया।
डॉ. बिस्सु ने बताया कि उपखण्ड अधिकारी डॉ. नवनीत कुमार, तहसीलदार अक्षय प्रेम चेयरवाल एवं उस केन्द्र पर तैनात पुलिस कर्मी राजेन्द्र प्रसाद आदि द्वारा राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य, सह एवं सहायक आचार्यों के साथ किया गया अमर्यादित और अवैधानिक दुर्व्यवहार उनकी निम्न मानसिकता को भी दर्शाता है।
यदि राजकीय महाविद्यालय थानागाजी के प्राचार्य एवं शिक्षक पूर्ण निष्ठा एवं दृढ़ता से अपने कर्तव्य के प्रति सजग और नियमों की पालना के लिए प्रतिबद्ध नहीं होते तो उपखण्ड अधिकारी के इस प्रकार के अमर्यादित और अवैधानिक व्यवहार से राज्य की सबसे बड़ी एवं प्रतिष्ठित रीट परीक्षा में बड़ा व्यवधान उत्पन्न हो सकता था जिससे राज्य सरकार की प्रतिष्ठा दुष्प्रभावित होने की संभावना थी।
जिम्मेदार पदों पर कर्तव्यस्थ इन अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा अतिरिक्त केन्द्राधीक्षक डॉ. कन्हैया लाल मीना के साथ किया गया दुर्व्यवहार स्पष्ट रूप से पद का दुरुपयोग तथा राजकार्य में बाधा है तथा कॉलेज शिक्षकों के सम्मान तथा शैक्षिक परिसर की गरिमा का हनन है।
रुक्टा (राष्ट्रीय) इस अमर्यादित, अवैधानिक और गैरजिम्मेदाराना व्यवहार की कठोर निन्दा करता है तथा जिम्मेदार अधिकारियों एवं कार्मिकों के विरुद्ध अविलंब राजकार्य में बाधा उत्पन्न करने, परीक्षा केन्द्र पर भय का वातावरण बनाने, राज्य की महत्वपूर्ण परीक्षा रीट 2021 को असफल करने के प्रयास एवं शिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार करने के लिए वैधानिक कार्यवाही की मांग करता है ताकि परीक्षा, शिक्षक और शैक्षिक परिसर की गरिमा सुरक्षित रह सके।
संगठन अध्यक्ष डॉ. दीपक कुमार शर्मा ने बताया कि प्राय: राज्य में अनेक बार नौकरशाही द्वारा पद एवं वेतनमान में वरिष्ठ महाविद्यालयों के प्राचार्यों एवं शिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार के प्रकरण सामने आते हैं, इस क्रम में संगठन मुख्यमंत्री से मांग करता है कि राज्य की नौकरशाही को प्राचायों एवं शिक्षकों के साथ संयमित एवं प्रोटोकॉल के अनुसार व्यवहार करने के निर्देश भी प्रदान करें जिससे राज्य में शिक्षकों के मान सम्मान एवं शासन की प्रतिष्ठा सुरक्षित रह सके।