जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि विपक्षी लोग अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) प्रकरण की सिर्फ इसलिए केन्द्रीय जांच ब्यूरो जांच की मांग कर रहे हैं जिससे ये भर्तियां लम्बे समय तक अटक जाएं और सरकार को बदनाम कर सके कि युवाओं को नौकरियां नहीं दी जा रही हैं।
गहलोत ने मंगलवार देर रात सोशल मीडिया के जरिए यह बात कही। उन्होंने कहा कि ये युवाओं के हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि मैंने पहले भी कहा था कि सरकार के लिए सबसे आसान काम परीक्षा को रद्द कर दोबारा आयोजित करवाना है।
युवाओं के हित में सरकार ने एसओजी को फ्री हैंड देकर निष्पक्ष जांच करवाई जो अभी भी जारी है परन्तु विपक्ष जांच के नतीजों का इंतजार किए बगैर युवाओं को भड़काकर हिंसात्मक माहौल बनाया। लाखों अभ्यर्थियों की संतुष्टि के लिए हमने रीट लेवल-2 की परीक्षा रद्द कर 30 हजार पद बढ़ाते हुए पुन: आयोजित करवाने की घोषणा की है।
उन्होंने कहा कि एसओजी अपना काम निष्पक्षता से कर रही है, इसलिए ही आरोपी लगातार पकड़े जा रहे हैं एवं रोज नए खुलासे हो रहे हैं। विपक्षी लोग सिर्फ इसलिए सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं जिससे यह भर्तियां लंबे समय तक अटक जाए और विपक्ष सरकार को बदनाम कर सके कि युवाओं को नौकरियां नहीं दी जा रही है यह युवाओं के हित में नहीं है हमारी सरकार एसओजी से पूरी जांच करवा कर सभी दोषियों को सजा दिलवायेगी चाहे वो कितना भी प्रभावशाली क्यों नहीं हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले पर बार-बार सीबीआई जांच की मांग करने वाली भारतीय जनता पार्टी को पिछले तीन साल में सीबीआई को दी गई जांचों का नतीजा बताना चाहिए। मनोहर राजपुरोहित लापता केस पाली, लवली कंडारा एनकाउंटर केस जोधपुर, अलवर में विमंदित बालिका प्रकरण में सीबीआई को दी गई जांच अभी तक प्रारंभ नहीं की गई है।
भाजपा को जवाब देना चाहिए कि सीबीआई को दी गई इन जांचों का नतीजा कब तक आएगा। भाजपा के नेताओं को प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री से मिलकर शीघ्र ही अलवर विमंदित बालिका प्रकरण सहित उपरोक्त लंबित जांचों का निस्तारण करवाना चाहिए।