टोंक। राजस्थान के टोंक में अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) परीक्षा रद्द होने के बाद आत्महत्या करने वाले एलडीसी द्वारा बाडमेर के जिस दलाल को 40 लाख रूपए दिए थे उसका पता फर्जी निकला है।
इस मामले में आत्महत्या करने वाले एलडीसी लोकेश ने सुसाइड नोट में लिखा कि रीट का पेपर खरीदने के लिए बाड़मेर के दलाल कैलाश विश्नोई को 24 लाख और जयपुर के दलाल देवराज गुर्जर को 16 लाख रुपए दिए थे। अब बाड़मेर में पुलिस दोनों दलालों की तलाश में जुटी है। टोंक पुलिस ने बाड़मेर पुलिस से संपर्क किया है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरपतसिंह ने बताया कि टोंक पुलिस ने 24 लाख लेने वाले कैलाश विश्नोई के बारे में जानकारी मांगी है, लेकिन हमारे पास में केवल कैलाश विश्नोई नाम ही सामने आया है। जो एड्रेस उन्होंने बताया, वहां इस नाम का कोई व्यक्ति नहीं मिला। अब रणवा गांव नाम से मिलते-जुलते गांवों का पता लगाकर ढूंढने की कोशिश की जा रही है।
अब तक की जांच में कैलाश विश्नोई के बारे में पुलिस को कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई है। अब पुलिस इस मामले में कैलाश विश्नोई नाम के सरकारी कर्मचारियों को भी खंगाल रही है। साथ में मोबाइल नंबर की डिटेल के आधार पर पता लगाने का प्रयास कर रही है।