पत्थलगांव। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में कुनकुरी थाना का धुंवाडाड़ गांव में गुरुवार को वहां की सामाजिक पंचायत के फैसले का विरोध करना एक महिला को काफी भारी पड़ गया। महिला के परिजन की मृत्यु होने पर पंचायत ने मृतक को दफनाने के लिए दो गज जमीन देने से मना किया।
पुलिस अधीक्षक बालाजी राव ने आज बताया कि कल ताराबाई नामक इस महिला के वृद्ध पिता खीरोराम की अचानक मृत्यु हो जाने के बाद सामाजिक पंचायत के सदस्यों ने उसका अंतिम संस्कार के दौरान गांव के लोगों का कंधा और शव दफनाने की खातिर दो गज जमीन देने से साफ इंकार कर दिया था। इस बेतुका फरमान के बाद महिला ने गांव के कई लोगों के पास पहुंच कर अनुरोध किया, लेकिन सभी ने सामाजिक पंचायत के विरोध में जाकर उसकी मदद कर पाने मे असमर्थता जाहिर कर दी।
पुलिस के अनुसार ताराबाई नामक इस महिला ने कुछ अर्सा पहले दूसरी जाति के युवक से विवाह कर लिया था। इस पर गांव की सामाजिक पंचायत ने उस पर 20 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया था। अपनी गरीबी के कारण इस महिला ने अर्थदंड की भारी भरकम राशि देने से इंकार कर देने पर इस परिवार का बहिष्कार कर दिया गया था। यह परिवार अलग थलग होने के बाद भी मजदूरी कर अपना जीवन यापन कर रहा था।
इस अजब गजब फैसले से व्यथित ताराबाई ने कुनकुरी थाना पहुंच कर पुलिस को अपनी व्यथा सुनाई। थाना प्रभारी भास्कर शर्मा ने कुनकुरी तहसीलदार के साथ तत्काल गांव पहुंच कर गांव के लोगों से पूछताछ की, लेकिन लाेगों ने सहयोग नही किया। अंततः पुलिस ने दो चार गणमान्य लोगों को साथ लेकर वृद्ध का सामाजिक विधि विधान से अंतिम संस्कार तो करा दिया है, लेकिन महिला की शिकायत पर उसका विरोध करने वाले लोगों के विरुद्ध जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधीक्षक का कहना है कि पूरे मामले की जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएंगी।