अजमेर। राजस्थान में अजमेर स्थित पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग ने आज ई-ग्रास चालान का दुरुपयोग कर बिना शुल्क चुकाए दस्तावेजों का पंजीयन कराने के मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए तीन सब रजिस्ट्रार को कार्यमुक्त कर राजस्व मंडल भेज दिया।
अजमेर स्थित मुल्य पर पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग के महानिरीक्षक महावीर प्रसाद ने बताया कि विभाग की जानकारी में आया था कि पहले ही उपयोग में लिए जा चुके चालान को दस्तावेज के पंजीयन के लिए पुनः उपयोग में लिया गया है। इस पर तत्काल एनआईसी एवं ई-ग्रास तकनीकी टीम को निर्देश देकर बनाए गए चालानों की सूची उपलब्ध कराने तथा अतिरिक्त सुरक्षा उपाय करने के निर्देश दिए गए।
एनआईसी द्वारा 913 दस्तावेजों की सूची उपलब्ध कराई गई जिसके जरिए मामला राजस्व अपवंचना का निकला तो मुख्यालय स्तर पर एक कमेटी का गठन कर परीक्षण कराया गया।
कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार 17 उप पंजीयक कार्यालयों से संबंधित 676 दस्तावेजों में 7.94 करोड़ रुपये की राजस्व अपवंचना सामने आई। जिस पर संबंधित उप महानिरीक्षकों को भिजवाकर राजस्व वसूली करने तथा मामले में आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने के निर्देश दिए गए।
मुख्यालय ने आज चालानों के दुरुपयोग और कूट रचना के लिए दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही में विलंब के कारण को भी अहम मानते हुए उप पंजीयक जयपुर (पंचम) साधना शर्मा, उप पंजीयक जयपुर (दशम) राजीव बड़गुर्जर तथा कार्यवाहक उप पंजीयक जयपुर (द्वितीय) सविता शर्मा को तत्काल प्रभाव से कार्य मुक्त कर दिया।
इसके साथ ही 19 स्टेम्प वेंडरों के लाइसेंस निरस्त करते हुए सात लिपिकों को एपीओ करते हुए उनका मुख्यालय बदला तथा 44 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। उन्होंने बताया कि इन सभी के खिलाफ नियमानुसार कठोर अनुशास्मतक कार्यवाही की जाएगी।